Patna: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को अपने पटना कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने को लेकर फिर से समन जारी किया है.आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.


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उन्होंने बताया कि प्रसाद को जहां 29 जनवरी को पेश होने के लिए कहा गया है, वहीं तेजस्वी को 30 जनवरी को बुलाया गया है.अधिकारियों ने बताया कि ईडी की एक टीम समन देने के लिए प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आधिकारिक आवास पर गई थी.प्रसाद और तेजस्वी को बयान दर्ज कराने के लिए पटना के बैंक रोड स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है.यह समन ऐसे दिन भेजा गया, जब लालू प्रसाद ने तेजस्वी यादव के साथ अपने गठबंधन सहयोगी, जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की.


तेजस्वी ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि महागठबंधन में दरार की अफवाहें जमीनी हकीकत से अलग हैं.तेजस्वी इस मामले में पिछले साल दिल्ली में एक बार एजेंसी के सामने पेश हो चुके हैं.समझा जाता है कि दोनों ने ईडी को बताया था कि वे अपने राजनीतिक और आधिकारिक काम में व्यस्त हैं, इसलिए दिल्ली में बयान दर्ज नहीं करा सकते.


कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे.नौ जनवरी को, ईडी ने रेलवे में नौकरी के लिए जमीन से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें राबड़ी देवी, उनकी बेटियों राजद सांसद मीसा भारती और हेमा यादव सहित लालू प्रसाद के परिवार के अन्य लोगों को नामजद किया गया.


आरोपपत्र दाखिल होने के दिन राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने ईडी की कार्रवाई को प्रतिशोध की राजनीति कहा था और उन्होंने भाजपा पर विपक्षी दलों के खिलाफ जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज मामला, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है.इस मामले में सीबीआई पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है.लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को अक्टूबर में सीबीआई मामले में निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है.


सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में दूसरे उम्मीदवारों के स्थान पर नियुक्त किया गया था.सीबीआई का आरोप है कि बदले में, उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से प्रसाद के परिवार के सदस्यों को रियायती दरों पर जमीन बेची, जो मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से तक थी.


(भाषा के साथ)