Kharmas 2022 December Date: दिसंबर में फिर से रुक जाएंगे मांगलिक कार्यक्रम, जानिए कब से लग रहे हैं खरमास
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Kharmas 2022 December Date: दिसंबर में फिर से रुक जाएंगे मांगलिक कार्यक्रम, जानिए कब से लग रहे हैं खरमास

चतुर्मास की तरह खरमास में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं. खरमास समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं.

Kharmas 2022 December Date: दिसंबर में फिर से रुक जाएंगे मांगलिक कार्यक्रम, जानिए कब से लग रहे हैं खरमास

पटनाः Kharmas December 2022: अभी हाल ही में चौमासे समाप्त हुए हैं, जिसके बाद देव उठ गए हैं और चार महीने से रुके हुए शुभ कार्य फिर से संपन्न होने लगे हैं. लेकिन अब आगे आने वाले दिनों में एक बार फिर शुभ कार्यों और लग्नों पर रोक लगने जा रही है. दिसंबर की शुरुआत के साथ ही कुछ ही दिनों में खरमास लग जाएगा. खरमास के दिनों में सूर्य देव का तेज बहुत कम हो जाता है, सर्दी बढ़ जाती है और यह स्थिति 14 जनवरी मकर संक्रांति तक बनी रहती है. इसे खरमास कहते हैं. दिसंबर महीने के दूसरे हफ्ते के बाद खरमास लग जाता है. इस बार खरमास 16 दिसंबर 2022 को लग रहा है. 

खरमास समाप्त होने के बाद होंगे मांगलिका कार्य
चतुर्मास की तरह खरमास में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं. खरमास समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. पौराणिक मान्यता है कि सूर्य देव का रथ घोड़े नहीं खर यानी गदर्भ खीचेंगे. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों के देवता सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास की शुरुआत हो जाती है और 14 जनवरी को जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे तो खरमास समाप्त हो जाएगा, उस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. 

धनु राशि में प्रवेश करेंगे सूर्यदेव
ग्रहों के राजा सूर्य 16 दिसंबर, दिन शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 11 मिनट पर वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे. इससे धनु संक्रांति का निर्माण होगा. ये यहां पर करीब एक माह रहेंगे. खरमास के दिनों में सूर्य देव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं. इसके चलते बृहस्पति ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है. वहीं, गुरु ग्रह को शुभ कार्यों का कारक माना जाता है. विवाह के लिए शुक्र और गुरु दोनों का उदय होना आवश्यक है. यदि दोनों में से एक भी अस्त होगा तो मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. 

 

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