Budh Grah Gochar: ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नवग्रहों में बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है. यह ग्रह शुद्ध शांत और सौम्य है और इसका उच्च का होना या कुंडली में शुत्र होना जातक के जीवन को खुशियों और समृद्धि से भर देता है. अगर कुंडली में ग्रह नीच का हो या किसी क्रुर ग्रह की दृष्टि उसपर पड़ रही हो तो जातक का जीवन कष्टों और परेशानियों से भरा रहता है. ऐसे में हमेशा बुध को जीवन में बेहतर और बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए. 


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ऐसे में कुंडली की गणना करते समय बुध के प्रभावों का विचार करना हमेशा जरूरी होता है. ऐसे में बुध ग्रह का यंत्र भी है जो इसके शुभ फल प्राप्ति के लिए धारण या प्रयोग किए जा सकते हैं. बुध ग्रह का रत्न ज्योतिष के अनुसार पन्ना है जो काफी प्रभावशाली रत्न है. वहीं बुध की धातु पीतल को माना गया है. कुंडली में बुध कमजोर, दुर्बल या नीच का तब होता है जब यह अपनी नीच राशि मीन में कुंडली में हो या फिर छठे या आठवें भाव में किसी नीच ग्रह के साथ विद्यमान हो. वहीं अगर बुध षष्टेश और अष्टमेश से पीड़ित हो तो भी कमजोर हो जाता है. 


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बुध को मजबूत बनाने के लिए आपको विघ्नहर्ता गणेश और माता दुर्गा की नियमित पूजा करनी चाहिए, परिवार में बहन, बुआ, मौसी से आपके संबंध हमेशा बेहतर बने रहें. किसी भी किस्म की बेईमानी या धोखा आपके बुध को कमजोर करता है. वहीं ढोंगी संतों का संग भी बुध को खराब करता है. 


बुध कमजोर हो तो इंसान को गुप्त रोगों से भर देता है. नाखून और बाल कमजोर होने लगते हैं. पाचन क्रिया पर भी विपरित असर पड़ता है. दांत कमजोर हो जाते हैं. वहीं लोगों की बोलने की क्षमता पर भी सीधा असर पड़ता है. ऐसे लोगों की तार्किक क्षमता भी कमजोर होती है. 


ऐसे में बुध को मजबूत बनाने के लिए बुधवार के दिन व्रत करना और विघ्नहर्ता गणपति और मां दूर्गा की पूजा करना चाहिए. इसके साथ ही बुधवान के दिन हरी वस्तुओं का दान भी काफी फायदेमंद है. इस दिन गाय को हरा चारा खिलाने के साथ गरीबों को फल और सब्जियां जो हरी हों दान करना चाहिए. बुध स्त्रोत का पाठ भी लाभकर है.