मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर में सोमवार को भारत के जल पुरुष मैग्सेसे पुरस्कार व जलक्षेत्र के नोबेल स्टॉकहोम जल पुरस्कार से पुरस्कृत राजेंद्र सिंह पहुंचे. उन्होंने कहा कि परंपरा से नदी हमारी मां है और मां की सेवा करना हमारा कर्तव्य है.


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1980 के दशक में पानी के संकट पर काम शुरू करने वाले जल पुरुष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि उत्तर बिहार में बाढ़ की समस्या से तभी निजात मिलेगी जब नेपाल में भारी बारिश होती है तो पानी एक दम दौड़ चले आती है. जब तक उसे दौड़ने के बजाय चलना सीखा दें और नदियों में जमा गाद की सफाई कर नदी को उसका जगह दे, दे तो बाढ़ की समस्या दूर हो सकती है. उन्होंने कहा कि नेपाल के साथ हुए एग्रीमेंट को सही ढंग से पालन हो तो इस समस्या से निजात मिल सकता है. मुजफ्फरपुर पहुंचे जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने आरडीएस कॉलेज में आजादी के अमृत महोत्सव के पावन अवसर पर स्वराज के प्रणेता लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की स्मृति में "सामुदायिक विकेंद्रित जल प्रबंधन"विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया और संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में भारत के जल पुरुष, मैग्सेसे पुरस्कार एवं जलक्षेत्र के नोबेल स्टॉकहोम जल पुरस्कार से पुरस्कृत राजेंद्र सिंह ने कहा कि नदी हमारी मां है इसकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है. इसके बिना सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती. 


आज सरकारों द्वारा नदी का शोषण किया जा रहा है. उन पर डैम बनाकर उनकी स्वतंत्रता छीनी जा रही है. नदियों के सूखने या नदियों में बाढ़ आने से सभ्यताएं भी नष्ट हो रही है. दुनिया में लगातार बढ़ रहे जल संकट से मानवता खतरे में है. हम कह सकते हैं कि 21वीं शताब्दी संकट की शताब्दी है. बिहार में बाढ़ की स्थितियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नदियों को चिन्हित करना होगा. उन्हें उनकी जगह को देना होगा. जलपुरुष डॉ राजेंद्र के नेतृत्व में आरडीएस कॉलेज एनएसएस इकाई ने"मिशन लाइफ कार्यक्रम"के अंतर्गत साप्ताहिक पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत की. इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर शपथ लिए गये. जल पुरुष राजेंद्र सिंह द्वारा नदियों की यात्रा पर लिखित पुस्तक "सभ्यता की सूखती सरिता" व ' जलपुरुष की जलयात्रा' का लोकार्पण भी किया गया.


इनपुट- मणितोष कुमार


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