जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने ट्वीट के जरिए एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
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Patna: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने ट्वीट के जरिए एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. ललन सिंह ने ट्वीट कर पहलवानों पर दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर निशाना साधा है.
ललन सिंह ने किया ट्वीट
ललन सिंह ट्वीट करते हुए लिखा, ' आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, ये भारत की वही बेटियां हैं जिन्होंने देश के लिए मेडल जीता, विदेशों में बड़े शान से तिरंगा लहराया और उसके बाद आपने इनके साथ तस्वीर जारी करवाकर बेटियों के सम्मान की बात की थी..... लेकिन आज आप अपने पुलिस बल से उन्हीं बेटियों को तिरंगे के साथ घसीटवा रहे हैं. आपकी सरकार के इस कृत के बाद भी आप रात में चैन की नींद कैसे सो पाते हैं?
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी,
ये भारत की वही बेटियां हैं जिन्होंने देश के लिए मेडल जीता, विदेशों में बड़े शान से तिरंगा लहराया और उसके बाद आपने इनके साथ तस्वीर जारी करवाकर बेटियों के सम्मान की बात की थी..... लेकिन आज आप अपने पुलिस बल से उन्हीं बेटियों को तिरंगे के… pic.twitter.com/phKTisiIK1
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) May 29, 2023
दंगा करने के आरोप में दर्ज हुई प्राथमिकी
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने रविवार को जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन के आयोजकों और उनके समर्थकों पर दंगा करने तथा सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया.
देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था. बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है.
पुलिस ने कहा कि जंतर मंतर पर 109 प्रदर्शनकारियों सहित पूरी दिल्ली में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 186 (लोक सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला या आपराधिक बल का उपयोग) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 352 (गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल), 147 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी जमावड़ा) भी प्राथमिकी में शामिल हैं.
(इनपुट भाषा के साथ)