पटना: 2024 Loksabha Election: 2024 के लिए थर्ड फ्रंट बनने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. इस कवायद की शुरुआत तो खैर, तभी से मानी जा रही थी जब तेलंगाना के सीएम केसी राव बिहार आए थे. इसके बाद सीएम नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा ने इसे हवा दी और अब एक और बात ने थर्ड फ्रंड को लेकर तस्वीर कुछ साफ कर दी है. हुआ यूं कि तेलंगाना के सीएम और बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) ने बुधवार को खम्मम में एक विशाल रैली का आयोजन किया और शक्ति प्रदर्शन किया. इसके बाद थर्ड फ्रंट बनने की ओर एक और कदम बढ़ता दिखा, लेकिन इसी बीच एक और बात थी जो बहुत खटकी. इस मेगा रैली में सीएम नीतीश की गैरमौजूदगी. यानी केसी राव ने इतना बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया, लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार को नहीं बुलाया.


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खम्मम में सीएम नीतीश को नहीं मिला आमंत्रण
सीएम नीतीश पिछले कुछ दिनों से जदयू के द्वारा पीएम मैटिरियल बताए जा रहे हैं. वहीं बिहार में राजद और जदयू के बीच नीतीश vs तेजस्वी भी शुरू हो गया है. उधर, 2024 की तैयारी भी सामने खड़ी है, क्योंकि एक ही साल हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Election) में पीएम मोदी (PM Modi) को टक्कर देने के लिए सभी विपक्षी दल एकजुट होंगे.


यह कौन सी नई बात है: नीतीश कुमार
हालांकि कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व में विपक्षी दल एकजुट होकर थर्ड फ्रंट बनाएंगे कि नहीं, ये अभी पूरी तरह से क्लियर नहीं है. केसीआर की रैली में बिहार के सीएम को नहीं बुलाया गया था ये जरूर चर्चा का विषय बन गया है. अब इसे लेकर गुरुवार की नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी प्रतिक्रिया दी है.  
सीएम नीतीश कुमार ने कहा- "कोई अपनी पार्टी की बैठक करता है और अगर लोगों को बुलाता है तो इसमें कौन-सी नई बात है. मेरी अपनी कोई ख्वाहिश नहीं है. बस यही चाहत है कि विपक्ष के लोग एकजुट हों और देशहित में आगे बढ़ें."



क्यों सीएम नीतीश का न होना खटकता है?
थर्ड फ्रंट के लिहाज से केसीआर की ये रैली महत्वपूर्ण क्यों कही जा रही है और नीतीश की गैरमौजूदगी पर जो सवाल उठ रहे हैं उसकी भी वजह है. असल में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के अलावा वहां कई अन्य प्रदेशों के सीएम शामिल होते दिखे. खम्मम में केसीआर के इस मेगा शो में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब से सीएम भगवंत मान, केरल सीएम पिनराई विजयन, यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ वाम दल के नेता डी राजा पहुंचे थे. ऐसे में नीतीश वहां क्यों नहीं थे, भविष्य की सियासत का वर्तमान में ये बड़ा सवाल है.


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