NRI Invest in NPS: नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक पेंशन योजना है जिसमें 18 से 70 वर्ष की आयु के सभी भारतीय नागरिक निवेश कर सकते हैं. यह योजना 2004 में शुरू हुई थी और पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए थी, लेकिन 2009 में इसे सभी के लिए खुला कर दिया गया. NPS से निवेशकों को रिटायर होने के बाद पेंशन प्राप्त करने का अवसर मिलता है. वे अपने निवेश के 60% को निकाल सकते हैं और बचे 40% के लिए विभिन्न विकल्पों में से चुन सकते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश करने के लिए नॉन-रेजिडेंट इंडियन्स (NRI) को कुछ नियमों का पालन करना होता है. एनआरआई को एनपीएस के पहले टियर (Tier I) खाते में ही निवेश करने की अनुमति होती है, लेकिन उन्हें टियर II (Tier II) खाते में नहीं निवेश करने की अनुमति होती है. वे भी एक खाता खोलने के लिए पात्र होते हैं और कुछ आवश्यक दस्तावेजों की प्रतिलिपि जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, कैंसिल चेक और पासपोर्ट की फोटोकॉपी की आवश्यकता होती है.


निवेशकों को नेटबैंकिंग के माध्यम से 500 रुपये का भुगतान करके अपना खाता खोलना होता है. एक बार जब व्यक्ति का PRAN (Permanent Retirement Account Number) नंबर जारी किया जाता है, तो उसे 90 दिन के भीतर वेरिफाई करना होता है. इसके लिए एक ईमेल प्राप्त होता है, जिसके माध्यम से वे अपने खाते को वेरिफाई कर सकते हैं. एक बार खाता वेरिफाई हो जाता है, तो एनआरआई अपनी प्राधिकृति के हिसाब से निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा एनआरआई को यह भी ध्यान में रखना होगा कि वे अपने आधार कार्ड के साथ पैन कार्ड और पासपोर्ट की फोटोकॉपी को ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड करने की आवश्यकता होती है.


इस तरह नॉन-रेजिडेंट इंडियन्स (NRI) भी नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश कर सकते हैं, परंतु उन्हें कुछ नियमों का पालन करना होता है. इसके बाद वे अपने आवश्यकताओं और प्राधिकृतियों के आधार पर निवेश के विकल्प का चयन कर सकते हैं.


ये भी पढ़िए-  Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष में आखिर कौवे को ही क्यों कराया जाता है भोज, जानें महत्व और पितरों से जुड़ा संबंध?