पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी का अजीब हाल, बिना शिक्षक के डिग्री ले रहे छात्र
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 1 हजार 256 पद आवंटित है. विश्वविद्यालय में स्थायी शिक्षकों की कमी है. जिसे दूर करने के लिए अगस्त 2020 में गेस्ट टीचर्स के लिए आवेदन मांगे गए. हालांकि खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है.
पटना : पटना के राजेंद्र नगर स्थित पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी की स्थापना मार्च 2018 में हुई. दूसरे विश्वविद्यालयों की तरह यहां भी शिक्षकों की भारी कमी है. लिहाजा यूनिवर्सिटी ने दो साल पहले गेस्ट टीचर्स के जरिए शिक्षकों की बहाली की गई थी. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि,जिन अभ्यर्थियों का चयन गेस्ट टीचर्स के रूप में किया गया था उनमें करीब 60 फीसदी ने ज्वाइनिंग लेने से इंकार कर दिया. इस विश्वविद्यालय का हाल अजीब है और यहां पढ़ने वाले छात्र बिना शिक्षक के डिग्री ले रहे है.
40 फीसदी शिक्षकों ने नौकरी ज्वाइन करने से किया इंकार
बता दें कि दो साल के भारी भरकम कवायद के बाद भी पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में शिक्षक की कमी जस के तस ही है. ये स्थिति पटना के दूरदराज वाले कॉलेजों की नहीं बल्कि पटना में मौजूद कॉलेजों के साथ हैं. कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रिंसिपल और रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल प्रोफेसर इंद्रजीत कुमार के मुताबिक कॉलेज ऑफ कॉमर्स में स्थिति तो ठीक है लेकिन आरकेडी कॉलेज की स्थिति शिक्षकों के मामले में भयावह है. बता दें कि विश्वविद्यालय में पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं है. हालांकि, शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए गेस्ट टीचर्स की बहाली की गई, लेकिन चयनित शिक्षकों में 40 फीसदी ने नौकरी ज्वाइन करने से इंकार कर दिया है.
विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 1 हजार 256 पद आवंटित
दरअसल, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 1 हजार 256 पद आवंटित है. विश्वविद्यालय में स्थायी शिक्षकों की कमी है. जिसे दूर करने के लिए अगस्त 2020 में गेस्ट टीचर्स के लिए आवेदन मांगे गए. हालांकि खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है. दो साल से गेस्ट टीचर्स के पद भरे नहीं जा सके हैं. सवाल ये है कि, आखिर चयनित अभ्यर्थी गेस्ट टीचर्स क्यों नहीं ज्वाइन करना चाहते हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर के सिंह के मुताबित, चयनित अभ्यर्थियों की इच्छा पटना शहर ज्वाइन करने की होती है लेकिन सब को पटना में ही ज्वाइन कराना संभव नहीं है. प्रोफेसर आर के सिंह की बात यहां तक तो सही है, लेकिन पूरी सच्चाई को इस आंकड़े के जरिए समझें. आखिर मुख्य विषयों में गेस्ट टीचर्स को भरने में अब तक क्या काम हुआ है.
विषय खाली पद आवेदक की संख्य चयनित की संख्या चयन के बाद भी न ज्वाइन करने वाले
कॉमर्स 2 29 01 1
हिन्दी 25 389 19 12
केमेस्ट्री 54 251 22 12
फिजिक्स 51 180 12 06
इंग्लिश 9 67 22 01
मैथ 30 133 14 03
इतिहास 13 427 12 07
साइकोलॉजी 27 267 17 09
इकोनॉमिक्स 26 37 18 08
ज्योग्रॉफी 17 263 15 09
इनपुट - प्रीतम कुमार
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