फुटपाथ से बेड तक! प्रशासन ने पटना में जरूरतमंदों के लिए शुरू की होटल जैसी सुविधाएं
Temporary Shelters: आश्रय स्थल में रहने वाले लोगों ने इस व्यवस्था की खूब तारीफ की है. उनका कहना है कि प्रशासन ने ठंड के मौसम में उनकी सबसे बड़ी परेशानी को हल कर दिया है. एक व्यक्ति ने बताया कि यहां का माहौल बहुत अच्छा है. ठंड में बाहर सोने की बजाय अब हमें गर्म बिस्तर और सुरक्षित जगह मिल गई है.
पटना: ठंड के मौसम में गरीब और बेसहारा लोगों के लिए राजधानी में जिला प्रशासन ने अनूठी पहल की है. फुटपाथ पर सोने वालों के लिए अस्थाई आश्रय स्थल तैयार किए गए हैं, जो किसी होटल की सुविधाओं से कम नहीं हैं. इन आश्रय स्थलों को राजधानी के विभिन्न हिस्सों में स्थापित किया गया है ताकि जरूरतमंद लोग आसानी से वहां पहुंच सकें और ठंड से बचाव कर सकें.
जानकारी के अनुसार प्रत्येक आश्रय स्थल में 40 से 50 बेड लगाए गए हैं, जिन पर गद्दा, तकिया, चादर और कंबल की पूरी व्यवस्था है. ठंड में राहत देने के लिए यहां लाइट और पंखे की सुविधा भी उपलब्ध है. अगर बिजली गुल हो जाए, तो इनवर्टर और बैटरी की व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी स्थिति में अंधेरा न हो. साथ ही, सामान रखने के लिए अलमारी भी रखी गई है.
साथ ही लोगों के मनोरंजन का ध्यान रखते हुए आश्रय स्थलों में टेलीविजन भी लगाया गया है. इससे वहां रहने वाले लोग आराम के साथ-साथ मनोरंजन का आनंद भी ले सकते हैं. इन स्थलों पर सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया गया है और हर आश्रय स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इन आश्रय स्थलों में प्रतिदिन लगभग 40 लोग रात बिताते हैं. दिन के समय ये लोग अपने काम पर लौट जाते हैं और रात में फिर यहां शरण लेते हैं. स्थानीय प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि यहां आने वाले हर व्यक्ति को सम्मान और सुरक्षा के साथ राहत मिले.
आश्रय स्थल का लाभ उठाने वाले कई लोगों ने इस व्यवस्था की सराहना की है. उनका कहना है कि प्रशासन ने ठंड के मौसम में उनकी सबसे बड़ी चिंता का समाधान कर दिया है. एक व्यक्ति ने बताया कि यहां का माहौल बहुत अच्छा है. ठंड में बाहर सोने की जगह अब हमें गर्म बिस्तर और सुरक्षित जगह मिल गई है. यह किसी होटल से कम नहीं लगता. दूसरी ओर प्रशासन का कहना है कि जरूरतमंद लोगों को मदद पहुंचाना उनका कर्तव्य है. इस पहल का उद्देश्य ठंड के कारण होने वाली परेशानियों को कम करना और हर व्यक्ति को राहत देना है. ऐसी योजनाओं से समाज के कमजोर वर्ग को बेहतर जीवन जीने का अवसर मिलता है. जिला प्रशासन का यह कदम न केवल सराहनीय है बल्कि अन्य शहरों के लिए एक उदाहरण भी है.
इनपुट- सन्नी कुमार
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