धूल साफ करने के लिए लाई मशीनें खा रही धूल, विदेशी स्वीपिंग मशीन कबाड़ में हुई तब्दील
Patna Nagar Nigam: राजधानी पटना की साफ सफाई के मामले में स्थिति बेहतर नहीं कही जा सकती है.
पटना: Patna Nagar Nigam: राजधानी पटना की साफ सफाई के मामले में स्थिति बेहतर नहीं कही जा सकती है. एक तरफ जहां हजारों सफाई कर्मियों की मदद से पटना को साफ करने का दावा किया जाता है तो वहीं दूसरी ओर लाखों रुपए में खरीदी गई मशीन कबाड़ में तब्दील होती जा रही है.
2019 में खरीदी गई मशीनें
फरवरी 2019 में पटना नगर निगम ने विदेश में बनी स्वीपिंग मशीनों की खरीदारी इस लिहाज से की थी कि पटना में सड़कों की सफाई हाथों से नहीं बल्कि मशीनों से हो. इसके लिए पटना नगर निगम ने मंझौले और बड़े स्तर की काफी मशीनों की खरीदारी की थी. हालांकि कुछ स्वीपिंग मशीनें अब भी काम कर रही हैं लेकिन मंझौल स्तर की मशीनें रखरखाव के अभाव में अब कबाड़ में तब्दील हो गई है. ऐसी एक नहीं बल्कि चार-चार मशीनें डेढ़ साल से बेकार पड़ी हुई हैं. अगर कबाड़ में तब्दील इन स्वीपिंग मशीनों का इस्तेमाल सफाई में होता तो पटना कहीं साफ और स्वच्छ दिखता.
नाकामी छुपाने में लगा नगर निगम
फरवरी 2019 में पटना नगर निगम ने सड़कों और डिवाइडर की धूल को हटाने के लिए तुर्की से सेक्शन कंपनी की छोटी मशीनें मंगवाई. कुल चार मशीनें तुर्की से मंगवाई गई थी जिसकी कीमत लाखों में है. लेकिन रखरखाव के अभाव में ये चारों मशीनें कबाड़ में बदल गई. मशीनों के अगले हिस्से में टायर सहित दूसरी चीजें रख दी गई हैं. लोगों को निगम की लापरवाही और गैर जिम्मेदारी पकड़ में नहीं आए लिहाजा इन मशीनों को बांकीपुर अंचल के पिछले हिस्से में रखा गया है.
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रखरखाव के अभाव में बेकार
दरअसल, इन मशीनों के सबसे अगले हिस्से में बड़े-बड़े ब्रश होते है. जिससे सड़कों और डिवाइडर पर पड़ी धूल को आसानी से हटाया जाता है. लेकिन मशीनें डेढ़ साल से खराब है. जिन मशीनों के जरिए सड़कों की सफाई होनी थी अब वही मशीनें धूल खा रही हैं. पटना नगर निगम के आयुक्त अनिमेष पराशर भी मानते हैं कि कुछ मशीनें रखरखाव के अभाव में बेकार पड़ी है. लेकिन इन पर पड़ी धूल जल्द हटाई जाएगी और उसे काम में लाया जाएगा.
इनपुट- प्रीतम कुमार