Patna: बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन इसलिए लगाया गया है ताकि संक्रमण की रफ्तार रोकी जा सके. लेकिन, इससे उन लोगों के सामने भोजन की समस्या पैदा हो गई है जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं.


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लिहाजा राजधानी पटना में असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर, गरीब तबकों को सहारा देने के लिए कुछ लोग आगे आए हैं. पटना के पटेल नगर में रहने वाले विशाल और दिलीप नाम के दो युवक रोजाना सैकड़ों लोगों के लिए खाना बना रहे हैं. हालांकि, इन दोनों का अपना रेस्टोरेंट भी पटेल नगर में चलता है लिहाजा उन्हें खाना बनाने और पैक करने में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो रही है. विशाल और दिलीप सुबह 9 बजे से ही खाना तैयार करना शुरू करते हैं.


इसमें उनका सहयोग किचन में काम कर रहे लोग भी करते हैं. दोनों ने सोशल मीडिया ग्रुप पर अपना नंबर भी दिया है जिस पर फोन करके आप अपनी समस्या बताकर राजधानी के किसी भी हिस्से में फ्री खाना मंगवा सकते हैं. 


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विशाल और दिलीप होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को भी खाना देते हैं और बदले में वो किसी भी तरह की कोई मदद नहीं लेते हैं.वहीं, दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी के कार्यकर्ता सुबह से ही शहर के कई हिस्सों में जाकर सैनिटाइजेशन करते हैं. सैनिटाइजेशन के अलावा एबीवीपी कार्यकर्ता दिन रात खाना बनाते हैं और तैयार करते हैं.


भिखना पहाड़ी स्थित एबीवीपी के प्रांतीय कार्यालय में संगठन के कार्यकर्ता सुबह शाम यानी दो वक्त खाना बनाते हैं और इसकी पैकिंग कर पीएमसीएच अस्पताल भेजते हैं. ये खाना उन लोगों के लिए होते हैं जिनके रिश्तेदारों का इलाज हो रहा है. कोविड से पीड़ित लोगों की मदद करना इनकी पहली प्राथमिकता होती है. 


एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा बनाए जा रहे खाने में चावल, पालक की सब्जी और सोयाबीन होता है. एबीवीवी कार्यकर्ता खाना बनाने के साथ सैनिटाइजेशन भी करते हैं ताकि कोरोना संक्रमण न फैले.
एबीवीपी का दावा है कि वो सुबह-शाम 500 लोगों के लिए फूड पैकेट्स तैयार करते हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक तरफ जहां स्वास्थ्य विभाग का कच्चा चिट्ठा खुल गया है. वहीं, कुछ लोग अब भी इंसानियत की लौ को जलाए हुए हैं.