पटना: PFI Ban: गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर केंद्र सरकार ने पांच साल के लिए बैन लगा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए गजट नोटिफिकेशन में पीएफआई को गैर-कानूनी संस्था घोषित किया गया है. इसका मतलब है कि पीएफआई अब देश में किसी प्रकार की गतिवधि को अंजाम नहीं दे सकता है. वह ना तो कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकता है, नहीं देश में उसका कोई दफ्तर होगा, न वो PFI कोई सदस्यता अभियान चला सकता है और न ही किसी से फंडिंग ले सकता है.


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UAPA के तहत लिया फैसला 
केंद्र सरकार की यह कार्रवाई टेरर फंडिंग मामले की जांच के दौरान किया है. पिछले दिनों पीएफआई के खिलाफ अब तक के सबसे बड़े अभियान में दो बार देशव्यापी छापेमारी हो चुकी है.  इन छापेमारियों में संगठन के कई बड़े-बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया है. केंद्र सरकार ने दिल्ली-यूपी से लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में ताबड़तोड़ एक्शन के बाद UAPA के तहत इस संगठन को गैरकानूनी घोषित(Ban on PFI) कर दिया है. 


टेरर लिंक के पुख्ता सबूत
बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई जांच एजेंसियों की ओर से टेरर लिंक के पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही की है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएफआई और उससे जुड़े सभी सहयोगी संगठनों पर त्वरित प्रभाव से पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है. बताया जा रहा है कि पीएफआई के लिंक प्रतिबंधित संगठन सिमी और जेएमबी से मिले थे, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है. बता दें कि पीएफआई पर 22 सितंबर और 27 सितंबर को देशव्यापी छापेमारी हुई थी और सैकड़ों कैडर को गिरफ्तार किया गया था.


इन संगठनों पर भी बैन
केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, पीएफआई के अलावा उसके 8 अन्य सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है. पीएफआई के अलावा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF),  ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO),  एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी गृह मंत्रालय की तरफ से बैन लगाया गया है.


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