बड़ी पटनदेवी मंदिर
राजधानी पटना में स्थित बड़ी पटन देवी मंदिर माता के भक्तों की उपासना का मुख्य केंद्र है. नवरात्रि में यहां काफी भीड़ होती है. कहा जाता है कि यहां देवी सती की दाहिनी जांघ गिरी थी.
छोटी पटनदेवी मंदिर
राजधानी पटना की नगर रक्षिका भगवती पटनेश्वरी हैं, जिन्हें छोटी पटनदेवी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा मान्यता है कि यहां देवी सती का पट और वस्त्र गिरे थे. नवरात्रि में यहां माता के भक्तों की भीड़ बड़ी तादाद पर आते है.
मां मंगला गौरी मंदिर
बिहार के गया में स्थित भस्म कुट पर्वत पर मां मंगला गौरी का प्रसिद्ध शक्तिपीठ मंदिर है. ऐसा मान्यता है कि यहां देवी सती का स्तन गिरा था. इस मंदिर पर चढ़ने के लिए भक्तों को 115 सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है.
शीतला मंदिर
बिहार के नालंदा जिले के मघड़ा गांव में स्थित माता शीतला मंदिर प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है. इस मंदिर में देवी सती के हाथों का कंगन गिरा था. यहां पूजा करने से श्रद्धालुओं को निरोगी काया की प्राप्ति है.
उच्चैठ सिद्धपीठ मंदिर
मधुबनी जिले के बेनीपट्टी गांव में स्थित उच्चैठ भगवती का मंदिर उपासना का केंद्र है. माता का सिर्फ कंधे तक का हिस्सा ही इस मंदिर में नजर आता है.
मां चंडिका देवी मंदिर
मुंगेर में गंगा के किनारे स्थित मां चंडिका का ये मंदिर प्रसिद्ध शक्तिपीठ में से एक है. इस मंदिर में मां सती की दाई आंख गिरी थी.
मुंडेश्वरी मंदिर
बिहार के कैमूर जिले के पहाड़ों के बीच पंवरा पहाड़ी के शिखर पर मौजूद माता मुंडेश्वरी मंदिर के मंदिर में बहुत भीड़ होती है. इस मंदिर की खासियत ये है कि बिना खून बहाए बकरे की बलि दी जाती है.
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