पटना में बनाए गए इस्कॉन मंदिर की खासियत ये है कि इस मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध ऐतिहासिक द्वारिकाधीश मंदिर के तर्ज पर 84 खंभों पर किया गया है. 84 खंभों पर इस मंदिर को बनाने का दार्शनिक कारण भी है.
कहा जाता है कि जैसे धार्मिक दर्शन 84 योनि का है वैसे में एक बार मंदिर के 84 खंभों की परिक्रमा करने पर जीवन के 84 योनि के चक्र से बाहर हो सकता है. मथुरा और गुजराज के बाद पटना में तीसरा ऐसा मंदिर है जिसका निर्माण 84 खंभा पुरातन तकनीक से किया गया है.
पटना इस्कॉन मंदिर का निर्माण ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के खानदान ने किया है. इसके अलावा मंदिर में लगाया गया संगमरमर भी विश्व प्रसिद्ध उसी मरकाना से लाया गया है जिससे ताजमहल का निर्माण हुआ है. भगवान के सभागार के साथ इस मंदिर में तीन और सभागार हैं जहां एक साथ हजारों लोग इक्ट्ठा हो सकते हैं.
दो एकड़ के क्षेत्र में फैले पटना इस्कॉन मंदिर की ऊंचाई 108 फीट बताई जाती है. वहीं इसके गर्भगृह में एक साथ पांच हजार लोग बांके बिहारी सहित अन्य विग्रहों (मूर्तियों) का पूजा कर सकते हैं.
श्री राधा बांके बिहारी जी और वैदिक संस्कार केंद्र के नाम से बनाए गए इस मंदिर में राधे- बांके बिहारी, ललिता व विशाखा के साथ, राम दरबार में राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान के विग्रह (मूर्ति) स्थापित किए गए हैं.
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