स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि 188 करोड़ रुपये की लागत से 154 बेड का यह चक्षु अस्पताल अपने आप में विशिष्ट होगा. यह अस्पताल जी प्लस होगा.
इस अस्पताल में कार्निया एंड रिफ्रेक्टिव, ग्लूकोमा, रेटिना एवं यूबिया के इलाज की बेहतर सुविधा होगी. यहां पेडिएट्रिक एवं न्यूरो ऑपथैल्मोलॉजी की भी बेहतर चिकित्सा हो सकेगी.
इस चक्षु अस्पताल में 24 घंटे इमरजेंसी की सुविधा भी उपलब्ध होगी. यह उत्तर-पूर्व भारत के सरकारी क्षेत्र का सबसे बड़ा चक्षु अस्पताल होगा.
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विशिष्ट अस्पताल के बचे हुए कार्यों का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण करें इसके निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद आंख से संबंधित रोगों का विशिष्ट तरीके से इलाज होगा, जिससे मरीजों को काफी सहूलियत होगी.
राज्यवासियों को इस अस्पताल के रूप में आंख के रोगों के बेहतर इलाज के लिये एक और विकल्प मिलेगा. मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की व्यवस्थाओं के संबंध में भी अधिकारियों से जानकारी ली.निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी मौजूद रहे.
इनपुट- रूपेंद्र श्रीवास्तव
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