पटनाः Prashant Kishor Health: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को रद्द कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की हालत स्थिर बनी हुई है. पटना के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती प्रशांत किशोर को आईवी के जरिए न्यूट्रिशन और दवाइयां दी जा रही हैं. प्रशांत किशोर को तबीयत बिगड़ने के बाद मंगलवार सुबह पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. 


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रात 9 बजे अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. रवि शंकर सिंह ने प्रशांत किशोर के स्वास्थ्य की जानकारी दी. डॉ. रवि शंकर ने कहा कि आगे क्या होगा कहना मुश्किल है, आगे चीजें कॉम्प्लीकेटेड हो सकती हैं. हम उनसे कह रहे हैं कि खाना लें, लेकिन वे अपने निर्णय पर कायम हैं. अभी आईवी के जरिए न्यूट्रिशन व दवाइयां दी जा रही हैं. अभी स्थिति ठीक है, लेकिन हम बार-बार उनसे कह रहे हैं कि खाना खाएं, ताकि हमारा काम आसान हो सके. 


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उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर के कई टेस्ट कराए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट आ गई है. उसके बाद दो नई दवाइयां भी देंगे, तबीयत ठीक रहती है तो हम उन्हें आईसीयू से बाहर लेकर आएंगे. उन्होंने साफ कहा कि अभी डिस्चार्ज करने की बात नहीं कर रहे हैं. पूर्व राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा ने कहा कि जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर की कंडीशन स्थिर है, लेकिन चिंताजनक है. वे आईसीयू में हैं और अपना अनशन नहीं तोड़ने पर अटल हैं. हमने उनसे आग्रह किया कि वे अपना अनशन तोड़ दें और उसके कारण भी बताएं. 


वरिष्ठ अधिवक्ता वाईवी गिरी ने कहा कि बिहार के लोगों को उनकी जरूरत है. हम कहेंगे कि वे जिन युवाओं के लिए बैठे हैं, वे प्रशांत से आग्रह करें कि वे अपना अनशन तोड़ दें, क्योंकि ये लड़ाई बहुत लंबी है. फिर कुछ दिनों के बाद जब वे ठीक हो जाएं तो इस लड़ाई को फिर से शुरू किया जाएगा. अब समय आ गया है कि हम लोग न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाएं. उन्होंने बताया कि बीपीएससी के कुछ अभ्यर्थी हमारे पास कल भी और आज भी आए थे, हम लोग मिलकर विचार कर रहे हैं कि इस मुद्दे को हाईकोर्ट में ले जाएं. उन्होंने प्रशांत किशोर से आग्रह करते हुए कहा कि जब हम न्याय का दरवाजा खटखटा रहे हैं, तो वे अपना अनशन तोड़कर बिहार के विकास के लिए सहयोग करें.
इनपुट- आईएएनएस के साथ


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