पटना: बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों द्वारा 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर को छात्रों ने आज आक्रोश मार्च निकाला था. छात्रों के इस आक्रोश मार्च का नेतृत्व जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर कर रहे थे. इस दौरान जब छात्रों कों रोकने के लिए पुलिस बैरिकेडिंग की तो अभ्यर्थी बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने लगे. वहीं छात्रों को प्रशासन बार बार समझाते रही फिर भी वो मानने को तैयार नहीं थे. जिसके बाद अंत में पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और साथ ही अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज भी किया गया.


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इस दौरान एक नाम की सबसे ज्यादा चर्चा हुई वो है जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर की. दरअसल छात्रों के आंदोलन को राजनीतिक रूप देने के लिए प्रशांत किशोर आज आक्रोश मार्च की अगुवाई कर रहे थे लेकिन जब छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ तो वो वहां भाग खड़े हुए. जिसके बाद अब इस मामले को लेकर सियासत तेज हो रही है. लोग प्रशांत किशोर पर छात्रों को भड़काने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं छात्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने हमारे आंदोलन को हाइजैक करने का काम किया है.


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छात्रों ने प्रशांत किशोर का विरोध करते हुए कहा कि एक समय वो दावा कर रहे थे कि अगर लाठी चली तो सबसे पहली लाठी उनके ऊपर चलेगी. लेकिन जब सच में लाठी चलने लगी तो प्रशांत किशोर और उनके पार्टी के लोग भाग खड़े हुए. छात्रों ने अब प्रशांत किशोर की नियत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. वहीं पुलिस प्रशासन का भी कहना है कि जिन लोगों ने छात्रों को भड़का प्रदर्शन को हवा दी वो लोग समय आने पर भाग निकले. इसके पहले गांधी मैदान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रशांत किशोर ने छात्रों की एक कमेटी बनाने और धरना जारी रखने की बात कही थी.


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