Purified Drinking Water: पानी हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका सही से उपयोग करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है. धरती पर रहने वाले सभी लोग इसे सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से इस्तेमाल करते हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से आजकल जलवायु बदल रहा है और इसका असुविधाजनक प्रभाव हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है.


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जलवायु परिवर्तन के दुर्भाग्यपूर्ण परिणामों के कारण, कई स्थानों पर लोगों को स्वस्थ रहने के लिए उन्हें आवश्यक पानी मिलने में कठिनाई हो रही है. इसके साथ ही अधिकतम पुनर्चक्रण के लिए अधिक पुनर्चक्रित पानी प्रदान करने का प्रयास करने का फलस्वरूप, आजकल ज्यादातर घरों में RO सिस्टम लगा हुआ है. यह RO सिस्टम पानी को फिल्टर करके हमें शुद्ध पानी प्रदान करता है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारतीय मानक ब्यूरो ने इसे शुद्ध पानी मानने के लिए एक मापदंड तय किया है. इसकी शुद्धता को 'टोटल डिसॉल्व्ड सोल्स' (TDS) मापकर्म से मापा जाता है. अगर पानी को अधिक से अधिक साफ कर दिया जाता है, तो यह सेहत के लिए भी खतरनाक हो सकता है.


बीसीआई की रिपोर्ट के अनुसार प्रति लीटर पानी में TDS की मात्रा 500 मिलीग्राम से कम होनी चाहिए ताकि वह पीने योग्य माना जाए. यदि इस मात्रा में कमी है, तो शरीर में आवश्यक खनिज पहुंचने में कमी हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानकारी हो सकती है. स्वास्थ्य के लिए आदर्श रूप से प्रति लीटर पानी में TDS की मात्रा 300 मिलीग्राम से कम होनी चाहिए. अगर इस मात्रा का अंतराल 300 से 600 मिलीग्राम के बीच है, तो भी वह पीने लायक माना जाता है.


सरल शब्दों में कहें तो शुद्ध पानी वह है जो स्वादरहित, गंधरहित और रंगरहित है. कई लोग अपने RO सिस्टम को इतना शक्तिशाली बना लेते हैं कि पानी की TDS मात्रा 100 या उससे कम हो जाती है. इससे पानी स्वाद में मीठापन की कमी होती है और शरीर को आवश्यक खनिज प्राप्त नहीं होते है. इसलिए अगर आप RO सिस्टम का उचित रूप से उपयोग कर रहे हैं, तो उसकी TDS सेटिंग को 350 पर रखना सही है, जिससे आपको स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त पानी मिलता है.


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