पटनाः Raviwar Surydev Arghya: रविवार को सूर्यदेव की पूजा का दिन माना जाता है. सनातन परंपरा के अनुसार सूर्य देव एक प्रत्यक्ष देवता हैं, जिनकी ऊर्जा, ऊष्मा और शक्ति से ही प्रकृति और जीवन संचालित होता है. आजकल भयानक शीतलहर का दौर है. ऐसे में जब सूर्यदेव कई-कई दिनों तक आकाश में नहीं निकलते हैं तो जीवन थमा हुआ सा लगता है. सूर्य को सभी ग्रहों का स्वामी कहा जाता है. इसलिए कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए रविवार को कुछ उपाय करना लाभदायक सिद्ध हो सकता है. 


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कुंडली में मजबूत होंगे सूर्य देव
सूर्य देव के प्रसन्न करने और कुंडली में उनकी स्थिति को ठीक करने का सबसे सरल उपाय है कि उन्हें प्रत्येक दिन अर्घ्य दिया जाए. हमारी सनातनी मनीषा में यह तय किया गया था कि प्रत्येक दिन हर मनुष्य को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना अनिवार्य है. आजकल बदली हुई जीवन शैली में हममें से अधिकांश लोग यह सभी नियम आदि का पालन नहीं करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि पूरे हफ्ते सूर्य देव की उपासना से जो फल मिलता है, उसे कई गुणा ज्यादा फल सिर्फ रविवार की पूजा से मिलता है. अगर हम मन से शुद्ध होकर सिर्फ रविवार को ही सूर्य देव को अर्घ्य दें तो कुंडली में सूर्य देव की स्थिति मजबूत होगी और सभी परेशानियों से निजात मिलेगी. इसके अलावा रविवार को कुछ खास उपाय किए जाने से आप भाग्यवान बन सकते हैं.


ऐसे दें अर्घ्य
इसके लिए जरूरी है कि रविवार के दिन आप सूर्योदय से पहले उठें, जल्दी स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. जल अर्पित करते समय ध्यान रखें कि तांबे के कलश का इस्तेमाल करें. इसमें रोली, अक्षत, लाल पुष्प और गुड़ डालकर सूर्य देव को अर्पित करें. मान्यता है कि सूर्य देव को अर्घ्य देने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है. अर्घ्य देते समय कोई गहरा बर्तन पैरों के आगे रख लें और उसमें जल का अर्घ्य दें. ताकि पानी की छींटे पैरों पर न पड़ें. यह सूर्यदेव का अपमान हो सकता है. 


आज करें रविवार व्रत
इसके साथ ही, रविवार के दिन नियमित रूप से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें. आदि पौराणिक कथाओं में में ऐसा उल्लेख मिलता है कि श्री राम ने भी रावण का वझ करने से पहले आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ किया था. ये पाठ करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. इसे ऋषि अगस्त्य ने उन्हें सिद्ध किया था. मान्यता है कि रविवार के दिन व्रत रखने से सूर्य से जुड़ी कई परेशानियां दूर हो जाती हैं. इस दौरान व्रत में नमक से परहेज करें. वहीं, इस दिन तांबे का बर्तन और गेंहू का दान आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है.


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