पटनाः महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार गुरुवार को राजस्व भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने विभाग के प्राथमिकताएं एवं कार्य योजना को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की. मंत्री आलोक मेहता ने कहा मंत्री बनने के बाद पहली बार अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई और विभाग के विभिन्न पहलुओं पर एक सांकेतिक रूप से समीक्षा की गई. बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार एक बहुत ही महत्वपूर्ण और आम जनता से जुड़ा हुआ विभाग है. आम जनता की परेशानियों से हम लोग रूबरू होते रहे हैं. उन परेशानियों को हम आने वाले दिनों में कैसे कम कर सकते हैं और विभाग का ऑपरेशन कैसे बेचे कर सकें उस दिशा में पहल करना मेरी प्राथमिकता होगी.


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3 महीने के अंदर कराएंगे सर्वे
राजस्व मंत्री ने कहा कि 3 महीने के अंदर बिहार के भूमिहीन लोगों की संख्या का एक सर्वे कराकर रिपोर्ट मंगवाएंगे. हम हमारी प्राथमिकता होगी उन भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन दी जाएगी, उस दिशा में हम कार्रवाई करें. साथ ही जो भूदान की जमीन है उसे चिह्नित कर उससे संबंधित सारी जानकारी को प्राप्त करने के लिए एक आयोग बनाया गया था. उच्च आयोग का कार्यकाल दिसंबर में पूरा हो रहा है. 4325 राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति हो चुकी है और उनके पद अस्थापना भी हो चुकी है अभी सर्वे का काम चल रहा है 5 गज में जमीन का सर्वे का काम किया जाएगा.


मार्च 2024 तक सर्वे होगा पूरा
उनका कहना है कि इस सर्वे को मार्च 2024 तक पूरा करना प्राथमिकता होगी. जिस जिले में भूमि विवाद का मामला अधिक है वहां पहले सर्वे का काम पूरा करेंगे. 745 राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है और 2745 राजस्व कर्मचारियों की ओर नियुक्ति करने का निर्देश हमने विभाग को दिया है. इसके साथ ही जमीन विवाद को कम करने का प्रयास किया जाएगा. डिजिटल तरीके से जो अंतिम मैप बनेगा और कम से कम समय लगे इसके लिए हमने विभिन्न तरह के सुझाव दिए हैं शिव के तबादले को लेकर मंत्री ने कहा नियम के तहत किया जाएगा. 


पूर्व मंत्री के द्वारा नीतीश नगर और मोदीनगर बनाए जाने की घोषणा पर अभी वर्तमान मंत्री आलोक मेहता ने कहा इसके बारे में मैंने अभी नहीं देखा है मैं देख लूंगा और उसका रिव्यू करूंगा क्या है और इस नगर का मतलब क्या है ग्रामीण क्षेत्र के सर्वे और राजस्व की बात हो रही है नगर शहर में बनता है.