पटना : बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद से प्रदेश की राजनीति में सबकुछ ठीक नहीं है. पहले भाजपा ने इसे लेकर जदयू पर कई सवाल खड़े किए, लेकिन अब जदयू इसे लेकर हमलावर मोड में दिखाई दे रही है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पीएम मोदी अपनी जाति छिपाना चाहते हैं, इसलिए देश में जातीय गणना नहीं करा रहे है और अगर PM नरेंद्र मोदी की जाति मोध घांची है. तो वह सामाजिक या शैक्षणिक रूप से पिछड़े नहीं थे.


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नीरज कुमार ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी ने खुद को ओबीसी में कैसे शामिल कर लिया, वह जाति ओबीसी में कैसे शामिल है. सामाजिक या आर्थिक सर्वेक्षण कब किया गया. उस सर्वेक्षण की रिपोर्ट कहां है. नरेंद्र मोदी ''वोट का सौदागर'' है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया कि प्रधानमंत्री अगड़े वर्ग से आते हैं, यह दावा उनके पूर्वजों ने भी किया था. अगर जाति आधारित जनगणना होती है, तो उनकी सामाजिक सच्चाई खुल जाएगी कि नरेंद्र मोदी ने कैसे धोखा दिया है. हम बीजेपी से पूछना चाहते है. कि क्या हमारा आरोप सच है. जेडीयू नेता ने आरोप लगाया कि पीएम ने राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग किया और अपनी जाति को ओबीसी में शामिल किया.


वही इसको लेकर आरजेडी और कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ये सवाल तो उठते रहे है जब जब बात आती है चाहे जाति की हो या डिग्री की है. इसको लेकर तो सबको पता है कुछ न कुछ फर्जीवाड़ा है, जो सवाल जेडीयू ने उठाए है उसपर तो जवाब देना ही पड़ेगा. वही कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा पीएम ने आज तक कभी किसी प्रश्न का जवाब दिया है जो इस प्रश्न का जवाब देंगे,ये बात अलग है कि पीएम जहा जाते है. अपनी जाति की बारे ने बताते है, लेकिन सच्चाई क्या है किसी को नहीं पता है. जेडीयू के साथ जनता भी जानना चाहती है तो बताना चाहिए.


रिपोर्ट: निषेद


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