नवादाः नवादा में एक ही परिवार के छह सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या कांड के शोक में शनिवार को नवादा बंद रहा. शहर के तमाम व्यवसायियों ने अपनी-अपनी दुकानों को बंद रखा और अपनी संवेदना प्रकट की. जेवर दुकान, कपड़ा दुकान, फल-फूल, इलेक्ट्रॉनिक सहित तमाम दुकानों में सुबह से ताला लटका रहा. गौरतलब है कि शहर के व्यवसायियों की तरफ से बंद आहूत की गई है. लोगों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानों को बंद रखा. 


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व्यवसायियों ने निकाला जुलूस
शहर के व्यवसायियों ने एक जुलूस भी निकाला. इस दौरान सूदखोरों के खिलाफ आवाज बुलंद की गई. सामूहिक आत्महत्या के जिम्मेदार सूदखोरों को फांसी की सजा देने की मांग की गई. लोगों में जनप्रतिनिधियों के प्रति गहरी नाराजगी दिखी. कहा कि यहां के जनप्रतिनिधियों को सिर्फ जाति दिखती है. इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद सांसद, विधायक समेत कोई भी नेता नहीं दिखे. सदर अस्पताल पहुंचना भी मुनासिब नहीं समझा. अगर बड़े नेता अस्पताल पहुंचते तो बेहतर इलाज का दबाव बन सकता था और शायद कुछ जानें बच सकती थी. लोगों ने घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है. कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाए और सूदखोरों पर प्रशासन नकेल कसे. बहरहाल घटना से सभी लोग मर्माहत दिखे और सूदखोरों के खिलाफ गुस्सा.


मूलरूप से रजौली के रहने वाले थे केदारनाथ गुप्ता
बता दें कि नवादा के रहने वाले केदारनाथ गुप्ता मूलरूप से रजौली को रहने वाले थे. वह नवादा शहर के न्यू एरिया में किराये के मकान में रह रहे थे. केदारनाथ गुप्ता नवादा के विजय बाजार में फल की दुकान चलाते थे. जानकारी के मुताबिक, केदारनाथ ने कुछ लोगों से लाखों में कर्ज लिया था, जिसे वह चुका नहीं पा रहे थे. कर्जदाता केदारनाथ गुप्ता पर पैसा चुकाने का दबाव बना रहे थे और अलग-अलग तरीकों से परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित कर रहे थे. इसी से तंग आकर पूरे परिवार ने सामूहिक रूप से जहर खाने जैसा खौफनाक कदम उठा लिया. परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गई. 


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