पटना : Prayagraj Police Encounter : योगी आदित्यनाथ की नगरी उत्तर प्रदेश में बिहार के दो जाबाज एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का डंका इन दिनों खूब बज रहा है. इनका नाम सुनते है बदमाश थर-थर कांप जाते है. दरअसल, प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में शामिल सात गुनहगारों में से उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक का एनकाउंटर कर दिया. उत्तर प्रदेश में बदमाशों का एनकाउंटर करने में यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं.


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बिहार के रहने वाले दोनों एनकाउंटर स्पेशलिस्ट 
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश प्रयागराज में बदमाशों का एनकाउंटर करने में जुट गए है. एक-एक कर यूपी में बदमाशों का सफाया किया जा रहा है. ये दोनों जाबाज बिहार के रहने वाले है. प्रशांत कुमार की बात करें तो वो  1990 बैच के आईपीएस अफसर हैं. मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले हैं. 1990 में तमिलनाडु कैडर में चयन हुआ था. 1994 में यूपी कैडर में ट्रांसफर हो गया था. इसके बाद वीरता के लिए 3 बार पुलिस पदक (गैलेंट्री अवॉर्ड) 2020,2021 में भी राष्ट्रपति से वीरता का पुलिस पदक मिला है. अब बात करते है एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश की. अमिताभ यश 1996 बैच के IPS अफसर है. बिहार के भोजपुर जिले में जन्मे, पटना से पढ़ाई की और IIT कानपुर में केमेस्ट्री में परास्नातक की पढ़ाई. 1996 में अखिल भारतीय पुलिस सेवा में चुने गए. एनकाउंटर मामले काफी गोपनीयता बरतते हैं.पिता राम यश भी तेजतर्रार पुलिस अफसर रहे हैं. 


300 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके है प्रशांत 
अगर प्रशांत कुमार के एनकाउंटर की बात करते तो वो 300 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके है. साल 1990 से अब तक (जबसे वे आईपीएस बने) 3 सौ से ज्यादा खूनी मुठभेड़ इनके नाम दर्ज हैं. इसके साथ ही चाहे खूंखार संजीव जीवा की हो या फिर कग्गा, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, विक्की त्यागी या फिर साबिर गैंग की. इनमें से शायद ही ऐसा कोई गैंग रहा हो जिसमें हर गैंग के चार-छह बदमाश प्रशांत कुमार या उनकी टीम ने ठिकाने न लगा दिए हों. दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो बेखौफ बौराए बदमाशों को काबू करने के वास्ते ही, एडीजी जोन बनाकर प्रशांत कुमार को योगी आदित्यनाथ ने भेजा था.


अमिताभ यश ने संभाला था विकास दुबे का मामला
अगर बात करें आईजी अमिताभ यश की,तो उन्होंने ही कानपुर में दुर्दांत विकास दुबे के एनकाउंटर का पूरा मामला संभाला था. 1996 बैच के आईपीएस अमिताभ ने यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स की कमान संभालने के बाद से अलग पहचान बनाई है. अमिताभ यश की अगुवाई में यूपी एसटीएफ की टीम उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास दुबे को कानपुर लेकर आई थी, लेकिन गाड़ी पलटने के बाद उसने भागने की कोशिश की और पुलिस एनकाउंटर में मारा गया.


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