पटनाः Vijaya Dashmi Today: आज अश्विन मास की दशमी तिथि है. आज के ही दिन को विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है. जिसे दशहरा पर्व भी कहते है. क्योंकि हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, दशहरा की पवित्र तिथि पर मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का संहार किया था. इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था. इस दिन भगवान श्री राम, माता दुर्गा तथा अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना लाभदायक माना गया है. विजयदशमी का पर्व शरद् ऋतु के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है. स्कंद पुराण में बताया गया है इस दिन पुण्य सलिला नदियों में स्नान करने से व्यक्ति दस पापों से मुक्त हो जाता है. शास्त्रों में इस दिन का विशेष महत्व बताया है. साथ ही इस दिन सुख-शांति और समृद्धि के लिए कुछ उपाय भी बताए गए हैं. इन उपायों के करने से न केवल जीवन में  सुख-शांति आती है बल्कि सभी संकटों से भी मुक्ति मिलती है.


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गुप्त मनोकामना की ऐसे होगी पूर्ति
एक लाल वस्त्र में एक लाल फूल, तीन सुपारी-तीन लौंग, एक चांदी का टूकड़ा और घर का साबूत एक मुट्टठी चावल लेकर उसे पोटली बना लें और विसर्जन की जाने वाली दुर्गा की प्रतिमा को अर्पित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें.  


कलश विसर्जन: नवरात्रि के व्रत के बाद पूजा-स्थल पर स्थापित कलश के विसर्जन का भी विशेष महत्व होता है. भक्तों को कलश विसर्जन के समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पूजा और विसर्जन के बाद भोजन, उपहार, वस्त्र, दान-दक्षिणा आदि का अपनी इच्छानुसार दान करना भी काफी शुभ माना गया है.


गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि. पुजारा धनकाले च पुनरागमनाय च.
मां की प्रतिमा का विसर्जन करने के बाद जवारों को परिवार और मित्रों को सहृदय भेंट करना चाहिए. उन्हें फेंकना नहीं चाहिए. इन जवारों को शुद्ध स्थान पर रखना चाहिए.


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