योग को हथियार बना त्वचा रोग से मुक्त हुई बिहार की प्रीति, जानें कैसे पाया निजात
प्रीति कुमार ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार की रहने वाली है. बचपन में ही त्वचा रोग बीमारी की जगकड़ में आ गई थी, कई बड़े एमबीबीएस डॉक्टरों से इलाज करवाया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.
पटना: योग ऐसी चिकित्सक कला है जिसके माध्यम से बड़े से बड़ा रोग ठीक किया जा सकता है. कई शोध करने के बाद जहां दवाइयां अपना असर नहीं दिखा पाती है वहां मात्र योग ही है जो रामबाण का काम करता है. बिहार में एक ऐसी महिला है जिनकों दवाई से फायदा नहीं मिला और उन्होंने योग के माध्यम से सोरायसिस (त्वचा रोग) को मात दी है. प्रीति पहले से अपने त्वचा रोग से परेशान थी, उन्होंने योग को अपनाया और शरीर की इस बीमारी से खुद को मुक्त करवा लिया. वह पहले से काफी बेहतर है और अब अन्य लोगों को योग के गुण सीखाकर त्वचा रोग से मुक्त कराने का काम कर रही है.
योग को अपनाकर त्वचा रोग को प्रीति ने दी मात
प्रीति कुमार ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार की रहने वाली है. बचपन में ही त्वचा रोग बीमारी की जगकड़ में आ गई थी, कई बड़े एमबीबीएस डॉक्टरों से इलाज करवाया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ. जब वह पढ़ाई करने दिल्ली आई तो उन्होंने योग को करियर के तौर पर लेने के लिए ग्रेजुएश कोर्स किया. यहीं से उन्होंने अपने बीमारी को ठीक करने का आत्म विश्वास बढ़ा है . त्वचा रोग को ठीक करने के लिए योग की क्रियाओं को सीखा और खुध अभ्यास किया. हालांकि उनको समय तो लगा लेकिन बहुत की कम समय में उन्होंने अपनी बीमारी को ठीक कर लिया है. प्रीति का मानना है कि एक लड़की को त्वचा रोग होता है तो उससे कितनी परिशानियां उठानी पड़ती है मुझसे बेहतर कोई नहीं जान सकता है. भविष्य में त्वचा रोग से पीड़ित लड़कियों को घर पर नित्यम योग सेंटर के माध्यम से रोजाना योग के गुण सीखा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकिया को अपनाकर कई लोग ठीक हुए है.
इन क्रियाओं को करके ठीक कर सकते है त्वचा रोग
योगाचार्य प्रीति कुमार ने बताया कि नेति पाउडर (सेंधा नमक जड़ी बूटियों) को पानी में अच्छे से उबालकर रख लेना होता है. जब यह हल्का गुनगुना हो जाए फिर उसा सेवन कर ले. उसके सेवन करने के बाद शरीर पर नारियल का तेल लगाकर धूम में करीब एक घंटा बैठ जाए. इससे शरीर की चमड़ी से पसीने के साथ बैक्टीरिया निकलते है. साथ ही कुंचल क्रिया व शंख प्रक्षालन क्रिया करने से शरीर के अंदर की गंदगी व मल को बाहर निकालने का काम किया जाता है. यह दोनों ही क्रिया त्वचा रोग को ठीक करने में कारगर होती है।
कैसे होता है त्वचा रोग
प्रीति ने बताया कि जिस तरह हमारे नाखून और बाल बढ़ते हैं, ठीक वैसे ही त्वचा भी बदलती है. साथ ही कहा कि नई त्वचा को बदलने में करीब एक महीने का समय लगता है. शरीर के जिस स्थान पर त्वचा रोग होता है उसकी चमड़ी तीन से चार दिन में ही बदल जाती है. रोग के चलते त्वचा इतनी कमजोर और हल्की पड़ जाती है कि वो बनने से पहले ही खराब होने लगती है. इससे प्रभावित त्वचा पर लाल चकते और रक्त की बूंदें दिखाई देने लगती है.
क्या खाएं और क्या नहीं
प्रीति बताती है कि साबुत अनाज,फल,हरी पत्तेदार सब्जियां,ब्रोकली,अदरक,अजवाइन,दालें,करेले का जूस,बीज,नट्स का अधिक सेवन करें.
जैतून तेल से मालिश
एक कप जैतून के तेल में कुछ बूदें कंदुला और आर्गेनिक ऑयल की मिक्स करके मसाज करने से भी फायदा होगा.शरीर पर जहां त्वचा रोग है उस हिस्से पर तो दिन में दो बार मालिश जरूर करें.
सोरायसिस के लक्षण
- छिल्केदार त्वचा उतरना
- स्किन पर लाल-लाल पपड़ियां जमना
- सर्दियों में स्किन ज्यादा ड्राई होना