लातेहार: अधिकारियों की लापरवाही से आदिवासी समाज विवश, पीना पड़ रहा है नाले का पानी
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लातेहार: अधिकारियों की लापरवाही से आदिवासी समाज विवश, पीना पड़ रहा है नाले का पानी

अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज भी आदिवासी जाति का पूरा गांव गंदे नाले में चुवाड़ी खोदकर अपनी प्यास बुझाने को विवश है. 

ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिले के अधिकारी से कई बार गुहार लगाई.

लातेहार: एक तरफ सरकार समाज के हर तबके के लोगों को शुद्ध पानी देने के दावे करते ही है तो वहीं, दूसरी तरफ अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज भी आदिवासी जाति का पूरा गांव गंदे नाले में चुवाड़ी खोदकर अपनी प्यास बुझाने को विवश है. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिले के अधिकारी से कई बार गुहार लगाई लेकिन अब तक अधिकारियों के कानों में जूं तक नही रेंगी.

झारखंड के लातेहार के चंदवा प्रखंड के पिपरा पानी गांव जहा आज भी सरकारी सुविधा के नाम पर न तो पीने को लेकर चापानल लगाया गया और न ही इस गांव सड़क की व्यवस्था है. जिस कारण ग्रामीण नाले के पानी पीने को विवश हैं. जब भी चुनाव का समय आता है तो इन्हें कई सपने दिखाए जाता हैं लेकिन सच्चाई आज भी यही है.

 

वहीं, स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो उनका कहना है कि कि हमलोग आदिवासी के साथ आदिम जन जाति के लोग कई वर्षो से नाले के पानी पीने को मजबूर हैं. अधिकारी प्रखंड से लेकर जिला तक के चक्कर लगाते थक जाते है लेकिन कोई हमारी बात नहीं सुनता.

गौरतलब है कि यह क्षेत्र जिले का अति नक्सल प्रभावित होने के साथ साथ अति पिछड़ा है और इस गांव में सैंकड़ो ग्रामीण इस नाले के पानी के सहारे अपना और जानवरों की प्यास बुझाते हैं. वहीं, इस मसले पर जब हमने जिले के डीसी राजीव कुमार से पूछा तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहना मुनासिब नही समझा.