ऐसा ही एक मामला बक्सर सदर अस्पताल में उस वक्त देखने को मिला जब अपने इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचा. एक युवक 3 दिनों से अस्पताल के गेट पर तड़पता रहा और स्वास्थ्यकर्मियों ने उसकी सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझा.
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बक्सर: स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की नाकामी किसी से छिपी नहीं है. आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जब स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही उजागर होती है, लेकिन कभी-कभी कोई ऐसा भी मामला सामने आता है जो न सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही उजागर करता है बल्कि मानवता को भी शर्मसार कर देता है.
ऐसा ही एक मामला बक्सर सदर अस्पताल में उस वक्त देखने को मिला जब अपने इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचा. एक युवक 3 दिनों से अस्पताल के गेट पर तड़पता रहा और स्वास्थ्यकर्मियों ने उसकी सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझा.
मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे लोगों ने जब व्यवस्था की इस खामी के विषय में अस्पताल उपाधीक्षक से बात करनी चाही तो वह अपने कार्यालय में नहीं मिले. हालांकि, दूरभाष पर बात करने पर उन्होंने मामले में तुरंत कार्रवाई किए जाने की बात कही.
दरअसल, कोलकाता का मूल निवासी तथा स्थानीय कोइरपुरवा मोहल्ले में रह कर नाच पार्टी में काम करने वाले रियाज खान नामक 38 वर्षीय युवक अपने शरीर में हुए एक घाव के इलाज के लिए 4 अप्रैल को सदर अस्पताल पहुंचा. निबंधन काउंटर पर उसे निबंधन की पर्ची दी गई जिसके बाद चिकित्सक ने उसे कुछ दवाएं लिख दी और बाहर बैठने को कहा.
चिकित्सक निर्देश के बाद रियाज अस्पताल परिसर में दो-तीन दिन से पड़ा हुआ रहा लेकिन ना तो उसे उचित मार्गदर्शन उपलब्ध हो पाया और ना ही इलाज के लिए उसे अस्पताल में दाखिल किया गया.
हालांकि मीडिया में ये मामला आने के बाद अस्पताल प्रशासन की नींद खुली तब उसे अस्पताल में भर्ती किया गया और उसका इलाज किया जा रहा है.