पटना : बिहार में चमकी बुखार से 144 के करीब बच्चों की मौत हो गई है. इसको लेकर लेकर सुप्रीम कोर्ट के बाद अब पटना हाईकोर्ट में भी याचिका दायर किया गया है. वकील सुधीर ओझा ने यह याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि इंसेफ्लाइटिस को लेकर 1998 में डॉ. जैकब कमेटी बनी थी, जिसने 2005 में अपनी रिपोर्ट बिहार और केंद्र सरकार को सौंपी थी. अगर इस रिपोर्ट को सरकार लागू करती तो आज इतनी संख्या में बच्चों की मौत नहीं होती.


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याचिका में इस रिपोर्ट को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है.


चमकी बुखार के मुद्दे पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार, 24 जून की दी तारीख


ज्ञात हो कि इससे पहले बच्‍चों की मौत को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. 24 जून को सुनवाई की तारीख रखी गई है. याचिका में राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोर्ट के दखल की मांग की गई है. साथ ही कहा गया है कि कोर्ट सरकार को 500 आईसीयू इंतजाम करने, 100 मोबाइल आईसीयू को मुजफ्फरपुर भेजने और पर्याप्त संख्या में डॉक्टर उपलब्ध कराने के लिए कहा है.


याचिका में कहा गया है कि बिहार सरकार बीमारी को फैलने से रोकने में नाकाम रही है, इसलिए कोर्ट और केंद्र सरकार मामले में दखल दे. बिहार और केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि प्रभावितों के इलाज के लिए बिहार में करीब 500 आईसीयू और 100 मोबाइल आइसीयू की व्यवस्था करे.


इसके साथ याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह आदेश जारी करे जिसमें निजी अस्पतालों को बीमार बच्चों का मुफ्त में इलाज करने के लिए कहा जाए. यह भी मांग की गई है कि इस बीमारी से जिन बच्चों की मौत हो गई है उनके पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाए.


दो वकील मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि चमकी बीमारी (Acute Encephalitis Syndrome) से बच्चों की मौत का आंकड़ा सौ को पार गया है.