Bihar Cave: बिहार की 250 साल पुरानी मीर कासिम की गुफा, जिसमें जाने का रास्ता तो है लेकिन बाहर आने का किसी को नहीं पता!

Bihar Cave: दुनिया में कई रहस्यमयी जगहें हैं, जिनके बारे में जानकर हमें हैरानी होती है. कई बार इन जगहों के बारे में सुनने के बाद यकीन करना मुश्किल हो जाता है. ऐसी ही एक रहस्यमयी गुफा बिहार के मुंगेर जिले में स्थित है. इस गुफा के रहस्य को आज तक कोई समझ नहीं पाया है.

जी बिहार-झारखंड वेब टीम Sat, 24 Aug 2024-11:40 am,
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इतिहास

1760 में जब नवाब मीर कासिम मुंगेर आए तो उन्होंने बंगाल की राजधानी को मुर्शिदाबाद से बदलकर मुंगेर में कर दिया. इतिहासकार बताते हैं कि मीर कासिम 1764 तक मुंगेर में रहे। इस दौरान, उन्होंने अंग्रेजों से खुद को और मुंगेर को सुरक्षित रखने के लिए पूरे शहर को एक किले में बदल दिया. उन्होंने शहर के चारों तरफ मजबूत और ऊंची दीवारें बनवाईं और चार दिशाओं में बड़े पत्थर के दरवाजे भी बनवाए. ये दरवाजे आज भी सुरक्षित हैं और उस समय की कहानी बताते हैं.

 

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लोग वहां घूमने क्यों नहीं जाते?

लोग इस गुफा पर घूमने इसलिए नहीं जाते क्योंकि यह जगह अब पूरी तरह से वीरान हो चुकी है. इस गुफा के आसपास का इलाका काफी गंदा रहता है, हमेशा कीचड़ और गंदा पानी जमा रहता है. पार्क की दीवारें पुरानी और फीकी पड़ चुकी है और इमारतें जर्जर हो गई है. जिससे लोग वहां घूमने जाने के बारे में सोचते भी नहीं हैं.

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250 साल पुरानी मीर कासिम की गुफा

यह गुफा लगभग 250 साल पुरानी है. श्रीकृष्ण वाटिका में स्थित यह गुफा 'मीर कासिम' की मानी जाती है. कहा जाता है कि 1760 में जब नवाब मीर कासिम मुंगेर पहुंचे तो उन्होंने अंग्रेजों के हमले से बचने के लिए इसे एक किले में बदल दिया.  

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किला निर्माण

मीर कासिम ने मुंगेर को अंग्रेज़ों से बचाने के लिए इसे एक किले में बदल दिया. उन्होंने पूरे शहर के चारों तरफ ऊंची और मजबूत दीवार बनवाई. इसके अलावा शहर के चारों दिशाओं में बड़े पत्थर के दरवाजे भी लगाए गए.  इस तरह मुंगेर को एक सुरक्षित और मजबूत किला बना दिया गया.

 

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राजधानी परिवर्तन

मीर कासिम ने 1760 में बंगाल की राजधानी मुर्शिदाबाद से बदलकर मुंगेर कर दी. 1764 तक मीर कासिम मुंगेर में ही रहे और इस दौरान शहर को सुरक्षित बनाने पर ध्यान दिया. इस निर्णय ने मुंगेर को महत्वपूर्ण राजनीतिक बना दिया.

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