सनई के फूल और पौधे का उपयोग बहुत तरीकों से किया जाता है. जैसे इसके फूल को लोग सब्जी बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. जो न सिर्फ खाने में स्वादिष्ठ होता है. बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. सनई के फूल में काफी अच्छे मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. जिस कारण इसका सेवन कई मायनों में हमारे शरीर के लिए काफी लाभकारी होता है.
बहुत लोग सनई की खेती रस्सी बनाने के लिए भी करते हैं. सनई फूल के पौधे के तने से निकले रेशे पटसन की तरह रस्सी बनाने में प्रयोग किए जाते हैं.
सनई का पौधा हरी खाद का एक बहुत अच्छा विकल्प है. खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के हरी खाद का बहुत बड़ा योगदान होता है. पहले के समय में लोग मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने के लिए खेत में फसल बोने के साथ ढैंचा, पटुवा, कपास, और सनई के पौधे को खेत में बोया करते थे. ये सभी पौधे हरी खाद का बहुत अच्छा विकल्प है. इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है. जिससे फसल काफी अच्छी होती है.
एक समय था जब लोग रासायनिक खाद का इस्तेमाल खेती के दौरान बहुत ज्यादा करते थे. जिससे कुछ समय के लिए उनकी खेती बहुत अच्छी भी हुई, लेकिन जब धीरे-धीरे ये रासायनिक खाद मिट्टी की उर्वरता को नष्ट करती गई और लोगों को इसके इस्तेमाल से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में पता चला. तब वो फिर से मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने के लिए हरी खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिसमें सनई का पौधा आता है.
अब तो लोग धान की रोपाई से कुछ महीने पहले ही सारे खेत में ढैंचा, पटुवा, कपास और सनई बो देते हैं. धान की रोपाई से पूर्व ही उसे उलट कर हरी खाद बना लेते हैं. पहले अरहर की फसल के साथ कुछ बीज सनई के खेत में छींट दिए जाते थे. जिससे अरहर के साथ-साथ सनई भी पनप जाती थी.
जब सनई के पौधे में ढेर सारी कलियां और फूल आते थे, तब लोग उसे तोड़ कर अच्छी तरह से साफ करके, कच्चे मसाले के इस्तेमाल से बहुत बढ़िया सब्जी बनाकर खाते थे. लोग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में सब्जी वाले सनई के फूल बेचने के लिए लेकर आते थे. आज के समय में ये बहुत कम ही देखने को मिलता है.
यदि आपको कभी भी बाजार में ये सब्जियां बिकती मिल जाए तो जरूर खरीदें और बनाकर खाइए, क्योंकि कुछ सब्जियां सीजन में ही मिलती है और बहुत कम मिलती है, लेकिन इसका स्वाद बहुत अद्भुत होता है. इसलिए इन्हें सीजन में कम से कम एक बार बनाकर तो जरूर से खाना चाहिए.
बहुत लोगों को कच्चा मसाला के बारे में जानकारी नहीं होगी, दरअसल जो सब्जियां सिर्फ लहसुन, मिर्च, धनिया, सरसों, हल्दी को पीसकर बनाई जाती है. उसे कच्चा या फिर ठंडा मसाला कहते हैं. बता दें, जिन सब्जियों में कच्चा मसाला पड़ता है उसमें टमाटर और गरम मसाले का प्रयोग नहीं किया जाता है.
कद्दू, ग्वार फली, चौड़ी सेम, सनई फूल, कद्दू के फूल और कोपल की सब्जी जैसी कुछ ऐसी सब्जियां हैं, जो कच्चे मसाले में बनाई जाती हैं. कच्चे मसाले में बनाई गई ये सब्जियां खाने में बहुत स्वादिष्ठ लगती है.