Raksha Bandhan 2024: सनातन धर्म में रक्षाबंधन के त्यौहार का एक विशेष स्थान है. हिंदू लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ रक्षा बंधन के त्यौहार को मनाते हैं. भाई-बहन के अटूट प्यार और राखी के डोर से उनके रिश्ते को बांधने वाला ये त्यौहार सदियों से मनाया जा रहा है.
सनातन धर्म में रक्षाबंधन के त्यौहार का एक विशेष स्थान है. हिंदू लोग बड़े ही हर्षोल्लास के साथ रक्षा बंधन के त्योहार को मनाते है. हर साल रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. भाई-बहन का त्यौहार रक्षाबंधन इस साल 19 अगस्त को मनाया जाएगा.
भाई-बहन के अटूट प्यार और राखी के डोर से उनके रिश्ते को बांधने वाला ये त्यौहार सदियों से मनाया जा रहा है. मान्यता है कि महाभारत के समय जब भगवान कृष्ण की अंगुली में चोट लग गई थी और उसमें से खून बहने लगा था. तब द्रौपदी ने अपने आंचल का पल्लू फाड़कर उनकी कटी अंगुली को बांध दिया था.
द्रौपदी के इस भाव को देख भगवान कृष्ण उनसे बहुत प्रभावित हुए थे. उन्होंने द्रौपदी को वचन दिया था कि वो असकी हमेशा रक्षा करेंगे. उसी समय से रक्षाबंधन के त्यौहार को मनाया जाता है.
सावन के आखिरी सोमवार के दिन इस साल रक्षाबंधन के त्यौहार को मनाया जाएगा. कहा जा रहा है कि 90 साल बाद इस बार रक्षा बंधन के दिन काफी शुभ संयोग बन रहे हैं.
इस साल रक्षाबंधन के दिन एक साथ 4 योग बन रहे हैं. जिसमें रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग बनने वाला हैं. इसके साथ ही राखी के दिन भद्रा का साया भी रहेगा. भद्रा साया में भूल से भी भाई के कलाई पर राखी नहीं बांधनी चाहिए.
रक्षाबंधन के दिन सावन के अंतिम सोमवार श्रवण नक्षत्र पड़ने का महासंयोग बन रहा है. जिस वजह से इस साल राखी के त्यौहार का महत्व और अधिक हो गया है.
भद्रा की शुरुआत 18 अगस्त की रात 2 बजकर 21 मिनट से हो जाएगी. जो कि अगले दिन 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. राखी बांधने के लिए ये समय बिल्कुल भी शुभ नहीं होता है. मान्यता है कि शूर्पणखा ने भद्रा साया में ही अपने भाई रावन के कलाई पर राखी बांधी थी. जिसके बाद पूरे रावण कुल का नाश को गया था.
रक्षाबंधन के दिन 19 अगस्त को भद्रा काल खत्म होने के बाद ही राखी बांधने का सिलसिला शुरू होगा. बहन अपने भाई के कलाई पर राखी दोपहर 1 बजकर 26 मिनट के बाद से बांधना शुरू कर सकती है. यह शुभ मुहूर्त रात के 9 बजकर 8 मिनट तक जारी रहेगा.