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Sawan Rituals: सावन के महीने में लोग घर में क्यों लगाते हैं झूला, क्या है इस परंपरा के पीछे का महत्व? यहां जान लें

Sawan Rituals: सावन के महीने में बहुत से घरों में झूला लगाया जाता है. लोग घर के मंदिर के आसपास झूला लगाते है. सावन के महीने में झूला लगाने की परंपरा काफी पुरानी है. हिंदू लोग सदियों से इस रीति को निभाते आ रहे है. कहा जाता है कि इस महीने में भगवान शिव खुद अपने हाथों से माता पार्वती के लिए झूला लगाते हैं, उन्हें प्रेम पूर्वक झूलाते हैं.

 

Devotion

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Devotion

सावन के आते ही लोग अपने घर में झूला लगाते है. अगर आप झूला को मंदिर के पास लगाते है, तो ये ज्यादा अच्छा माना जाता है. कहा जाता है कि घर में झूला लगाने से परिवार के सदस्यों के बीच भक्ति भाव जागता है. घर के माहौल में सकारात्मकता बनी रहती है. वहीं लोग श्रद्धा भाव में झूमते-गाते है. 

 

Lord Shiva & Maa Parvati

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Lord Shiva & Maa Parvati

घर में झूला लगाने की परंपरा बहुत पुरानी है. इस आयोजन के माध्यम से लोग भगवान शिव और माता पार्वती के बीच अनंत प्रेम की कथाओं को सुनते है. उसे अपने जीवन में अपनाते है. माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव अपने हाथों से माता पार्वती के लिए झूला लगाते है. उन्हें प्रेम पूर्वक झूलाते है. 

 

Religious Belief

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Religious Belief

सावन के महीने में झूला लगाना न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से लाभकारी होता है, बल्कि इसका सामाजिक कारण और महत्व भी है. माना जाता है कि अगर आप सावन के महीने में झूला लगाते हैं, तो इससे आपके परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बना रहता है. रिश्तों में मजबूती आती है. 

 

Lord Krishna & Radha Rani

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Lord Krishna & Radha Rani

वहीं इस परंपरा का दूसरा पहलू यह है कि इसी माह में भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को झूला झुलाया था. उसी समय से लोग सावन के महीने में घर में झूला लगाने और झूलने की परंपरा को निभाते आ रहे है. 

 

Mythology

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Mythology

एक और मान्यता जो कि घर में झूला डालने से जुड़ी हुई है, वो है कि सावन के माह में लोग अपने चारों ओर हरियाली देख वैसे ही प्रफुल्लित रहते है. ऐसे में अगर वो झूला पर बैठ ईश्वर को याद करें, तो इससे प्रभु की कृपा उनके ऊपर बनी रहती है. 

 

Jhula Mahotsav

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Jhula Mahotsav

बहुत जगह सावन महीने के आखिरी दिनों में मधुश्रवा लगने से झूला महोत्सव शुरू होता है. जिसमें मंदिरों में भगवान अपने प्राचीन और पुराने झूला पर विराजमान होते है. तो वहीं लोग नागपंचमी से अपने घरों में भी भगवान के लिए झूला डालते हैं. उनकी दिन-रात सेवा करते हैं.