मानव तस्करी के आरोप में श्याम सुंदर मुंडा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गांव की लड़की को बहला-फुसलाकर दिल्ली ले जाकर और वहां पर उनसे मजदूरी कराया जाता था.
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अभिषेक भगत/रांची : झारखंड की बेटियां आखिर कब तक बड़े-बड़े महानगरों में बिकती रहेंगी. यह कोई पहला मामला नहीं है. झारखंड के विभिन्न जिलों से पलायन बच्चे को दलाल अपने चंगुल में फंसाकर बाहर ले जाते हैं और इन्हें बेच देते हैं.
ऐसा ही एक मामला सामने आया है. मांडर की एक नाबालिग लड़की को दिल्ली के चकरपुर में 50 हजार रुपये में दलालों के हाथ बेच दिया गया. मामले की खुलासा तब हुआ जब बच्ची के पिता ने कोतवाली थाने में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में मामला दर्ज कराया.
मानव तस्करी के आरोप में श्याम सुंदर मुंडा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गांव की लड़की को बहला-फुसलाकर दिल्ली ले जाकर और वहां पर उनसे मजदूरी कराया जाता था. गांव के संगठन और सीडब्ल्यूसी लगातार जागरुकता अभियान भी चला रही है.
इन बच्चियों को जैसे ही बाहर ले जाया जाता है, इनका नाम बदल दिया जाता है. इनकी पहचान में काफी मुश्किलें होती हैं. सीडब्लूसी अध्यक्ष आरती खीजूर का कहना है कि सरकार जागरुकता फैलाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दिया है. लड़कियों के लिए एक टीम दिल्ली भेजने की भी तैयारी है.
अब यह देखना होगा कि आखिर झारखंड से पलायन और बाल मजदूरी की समस्या कब खत्म होती है. बाल मजदूरी के नाम पर कभी मासूमों को ईंट भट्ठे में झोंक दिया जाता है तो कभी महानगरों में चंद पैसों के सिए दलाल को सौंप दिया जाता है.