वन नेशन वन इलेक्शन पर झारखंड में सियासत, JMM बोली- मल्टी डायवर्सिटी स्टेट में संभव नहीं
Advertisement

वन नेशन वन इलेक्शन पर झारखंड में सियासत, JMM बोली- मल्टी डायवर्सिटी स्टेट में संभव नहीं

उन्होंने कहा कि सुनने में भले अच्छा लगे. देश में बीजेपी का नया नया नारा कहां जा कर रूकेगा. पहले वन नेशन वन टैक्स लगाया, उसमें भी क्या क्या दिक्कतें हो रही सब जानते हैं. बीजेपी तो कुछ दिन में वन नेशन वन रिलीजन भी कहेगी.

वन नेशन वन इलेक्शन पर झारखंड में सियासत, JMM बोली- मल्टी डायवर्सिटी स्टेट में संभव नहीं.

रांची: देश में वन नेशन वन एलेक्शन एक बार फिर चर्चा के केंद्र विंदू में है. झारखंड में भी वन नेशन इलेक्शन पर सियासी संग्राम है. झारखंड की सत्ताधारी दल यानी बीजेपी की विरोधी पार्टियां वन नेशन वन एलेक्शन को भारत मे सम्भव नहीं मानते हैं, जबकि बीजेपी का मानना है अच्छा काम जब भी आप करेगें विपक्ष अड़ंगा लगाएगा.

बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा, देश मे वन नेशन वन एलेक्शन हो, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो. इसके कई फायदे हैं. खर्च भी बचेगा अलग-अलग चुनाव के कारण खर्च भी बढ़ता है. साथ ही समय की बर्बादी भी होती है. जब भी देश में देश हित की बात होती है, अच्छे काम की बात होती है तो विपक्ष अड़ंगा लगा देता है. सभी को एक साथ सहमति बना कर वन नेशन वन इलेक्शन की तरफ बढ़ना चाहिए.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड सरकार में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन में व्यवहारिक दिक्कत है. वन नेशन इलेक्शन अनेक हो रहा तो इसमें दिक्कत कहां है. केंद्र सरकार अपनी जगह राज्यों में अपने अपने समय मे चुनाव होता है. एक साथ इलेक्शन के फायदे क्या हैं, बीच में दिक्कत आने पर तो चुनाव करवाना ही होगा. व्यवहारिक नहीं है. 

उन्होंने कहा कि सुनने में भले अच्छा लगे. देश में बीजेपी का नया नया नारा कहां जा कर रूकेगा. पहले वन नेशन वन टैक्स लगाया, उसमें भी क्या क्या दिक्कतें हो रही सब जानते हैं. बीजेपी तो कुछ दिन में वन नेशन वन रिलीजन भी कहेगी.

जेएमएम महासचिव सुप्रीयो भटाचार्य ने कहा कि ये कभी फिजीवल हो ही नहीं सकता. हम लोगों का मल्टी डायवर्सिटी का स्टेट है. बीजेपी डेमोक्रेसी नहीं ऑटोक्रेशी में विश्वास करती है.इस लिए वो वन नेशन वन इलेक्शन की बात करती है. ये यहां कभी सम्भव नहीं है.