Vijay Kumar Sinha: आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आरा के नागरी प्रचारिणी सभागार में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा भी शामिल हुए. कार्यक्रम के दौरान अनंत सिंह को एके-47 के मामले में हाई कोर्ट से बरी किए जाने पर विजय सिन्हा ने कहा कि यह सरकार का विषय नहीं है बल्कि संवैधानिक संस्था का मामला है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के फैसलों पर कोई भी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग जब जमानत मिलती है तो खुशी जताते हैं और जब जेल भेजा जाता है तो विरोध और धरना प्रदर्शन करते हैं.


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जानकारी के लिए बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए अपने कामों का बखान किया और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके कामों का श्रेय लेकर अपना चेहरा चमकाने की कोशिश की है. इस पर विजय सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा कि लालू यादव सत्ता की लालच में और अपने पुत्र मोह में धृतराष्ट्र की भूमिका निभाने वाले बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लालू यादव सजायाफ्ता हैं और भ्रष्टाचार के आरोपित हैं. न्यायालय ने कहा है कि वे अकूत संपत्ति के मालिक हैं, जबकि एक चपरासी क्वार्टर में रहते थे. इस सवाल का जवाब लालू यादव नहीं दे पाए हैं.


बांग्लादेश के मुद्दे पर विजय सिन्हा ने विपक्ष पर हमला किया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में मानवता शर्मसार हो रही है, लेकिन मानवता की बात करने वाले लोग चुप हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस, 'इंडिया' गठबंधन और वामपंथी दल क्यों मौन हैं? जब देश के अंदर कोई छोटी सी घटना होती है तो ये लोग तूफान मचा देते हैं, लेकिन बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार पर चुप्पी साधे हुए हैं. विजय सिन्हा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग मां भारती की धरती पर जन्म लेकर ऐसी दोहरी मानसिकता दिखाते हैं. उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे एकजुट होकर आवाज उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी भारतीय, बांग्लादेश या पाकिस्तान में जुल्म सहने को मजबूर न हो.


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