Anant Singh: लालू-नीतीश दोनों के रहे खास रहे अनंत सिंह, एक फोन कॉल से फंस गए थे 'छोटे सरकार'
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Anant Singh: लालू-नीतीश दोनों के रहे खास रहे अनंत सिंह, एक फोन कॉल से फंस गए थे 'छोटे सरकार'

Anant Singh News: अनंत सिंह के सियासी सफर की बात की जाए तो पहली बार 2005 में विधायक बने थे. हालांकि, पहली बार वे 1980 में सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार श्याम सुंदर धीरज को जीताने में अहम किरदार निभाया था.

अनंत सिंह

Anant Singh News: बिहार के 'छोटे सरकार' और 'मोकामा का डॉन' कहे जाने वाले पूर्व विधायक अनंत सिंह आज (शुक्रवार, 16 अगस्त) को पटना की बेऊर जेल से बाहर आ चुके हैं. एके-47 मामले में उन्हें बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. एक समय था जब बिहार में किसी को भी खौफजदा करने के लिए अनंत सिंह का काफी था. फिर एक समय ऐसा भी जब प्रदेश में अनंत सिंह की समानांतर सरकार चलती थी. यही वजह है कि लोग उन्हें आज भी 'छोटे सरकार' कहते हैं. मोकामा से लगातार चार बार विधानसभा पहुंच चुके अनंत सिंह के संबंध नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों से रहे. वह जेडीयू और आरजेडी दोनों पार्टियों से विधायक बन चुके हैं. हालांकि, फिर कानूनी पचड़ों में ऐसा फंसे कि विधायकी भी चली गई और जेल भी जाना पड़ा.

अनंत सिंह ने पिछला विधानसभा चुनाव राजद की टिकट लड़ा था और जीत हासिल की थी. फिर घर में एके-47 और हैंड ग्रेनेड रखने के मामले में 10 साल की सजा हो गई. इसी के साथ अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता भी समाप्त हो गई थी. अनंत सिंह के सियासी सफर पर ग्रहण एक ऑडियो क्लिप से लग गया था. दरअसल, 14 जुलाई 2019 को पुलिस ने पंडारक थाना क्षेत्र से तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से अवैध हथियार और एक मोबाइल मिला था. इस फोन में एक आडियो क्लिप थी. जिसमें भोला सिंह और उसके भाई मुकेश सिंह की हत्या की साजिश रचते हुए अनंत सिंह की आवाज थी.

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हालांकि, उस वक्त अनंत सिंह जेल में बंद थे. उन पर पुटुस हत्याकांड और सरकारी आवास से मैगजीन मिलने का आरोप था. उधर फोरेंसिक जांच में वह आवाज अनंत सिंह की पाई गई. इसके बाद से ही अनंत सिंह की मुश्किले बढ़ती चली गईं और अंजाम यह हुआ की उनका सियासी सफर रुक ही गया. अनंत सिंह की सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी ने आरजेडी की टिकट जीत हासिल की. नीतीश कुमार ने जब आरजेडी से नाता तोड़ा और वापस बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई. उस वक्त नीलम देवी ने भी पाला बदल लिया और नीतीश कुमार के साथ खड़ी हो गईं. इसके बाद से ही अनंत सिंह के जेडीयू से रिश्ते ठीक होने शुरू हुए.

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