Namaz Break Politics: असम की बीजेपी सरकार ने विधानसभा में मुस्लिम नेताओं को 2 घंटे जुमे की नमाज के लिए ब्रेक के प्रावधान को खत्म कर दिया है. CM हेमंत बिस्वा सरमा की इस फैसले की चौतरफा आलोचना हो रही है. कांग्रेस नेता दानिश अली का कहना है कि यूपी सीएम योगी और असम सीएम हिमंता में कंपटीशन चल रहा है कि कौन ज्यादा मुस्लिम विरोधी है. इसको लेकर बिहार का सियासी पारा भी चढ़ गया है. बिहार के नेता-प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सरमा ऐसा सस्ती लोकप्रियता के लिए करते हैं. बिहार में बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू और लोजपा (रामविलास) ने भी विपक्ष का साथ देते हुए असम सरकार के फैसले का विरोध किया है.


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JDU नेता केसी त्यागी ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, आस्था और पूजा की स्वतंत्रता का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे संविधान की भावना और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे. वहीं एलजेपी के दिल्ली अध्यक्ष राजू तिवारी ने भी असम सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई. उन्होंने सुझाव दिया कि धार्मिक प्रथाओं की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए. 


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वहीं बिहार बीजेपी के दिग्गज नेता शाहनवाज हुसैन ने असम सरकार के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह दुष्प्रचार है कि नमाज पढ़ने से किसी को रोका जा रहा है. शाहनवाज हुसैन ने कहा कि किसी को भी नमाज पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं है. जिसको नमाज पढ़ना है वो पढ़ेंगे, लेकिन इसकी वजह से अन्य लोगों की भी छुट्टी होती थी, उनकी छुट्टी खत्म की गई है. बीजेपी नेता ने आगे कहा कि भारत की सरजमीं पर जिसको नमाज पढ़ना है, उन्हें कोई रोक नहीं है. यह दुष्प्रचार है कि नमाज पढ़ने से किसी को रोका जा रहा है.


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