Opposition Meeting: एक तरफ मोदी विरोधियों का जमावड़ा, दूसरी ओर NDA का शक्ति प्रदर्शन, देखिए किसका पलड़ा है भारी
18 जुलाई का दिन देश की राजनीति के लिए काफी अहम रहने वाला है. जहां एक ओर बेंगलुरु में विपक्षी नेता मिलकर मोदी को हराने का प्लान तैयार करेंगे. वहीं दूसरी ओर बीजेपी की ओर से अपने सहयोगियों के साथ शक्ति-प्रदर्शन किया जाएगा.
Opposition Unity VS NDA: देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. आम चुनावों को देखते हुए सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं. विपक्ष की ओर से पटना के बाद अब बेंगलुरु में बैठक का आयोजन किया जा रहा है. 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में मोदी विरोधी नेताओं का जमावड़ा लगेगा. इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस करने वाली है. पटना में विपक्षी एकता की नींव रखने के बाद बेंगलुरु में उस पर इमारत खड़ी करने की कोशिश होगी. वहीं बीजेपी की ओर चुनावी चाणक्य यानी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक्टिव हो चुके हैं. शाह अब एनडीए का दायरा बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं.
18 जुलाई का दिन देश की राजनीति के लिए काफी अहम रहने वाला है. जहां एक ओर बेंगलुरु में विपक्षी नेता मिलकर मोदी को हराने का प्लान तैयार करेंगे. वहीं दूसरी ओर बीजेपी की ओर से अपने सहयोगियों के साथ शक्ति-प्रदर्शन किया जाएगा. बीजेपी ने 18 जुलाई को नई दिल्ली में एनडीए के सभी नए और पुराने दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है. बैठक में उन दलों को भी बुलाया गया है, जो आगामी चुनाव में बीजेपी के साथ दिखाई देंगे. इस बैठक में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और डिप्टी सीएम अजित पवार के खेमे वाली एनसीपी को भी न्योता भेजा गया है.
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बैठक में लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को भी निमंत्रण भेजा गया है. चिराग के अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी को भी निमंत्रण गया है. जिन दलों को निमंत्रण भेजे गये हैं, उनमें दक्षिण के जनसेना पार्टी भी शामिल है. इसके नेता पवन कल्याण को एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में अकाली दल की ओर से हरसिमरत कौर भी शामिल होंगी. कहा जा रहा है कि अकाली दल फिर से एनडीए में शामिल होना चाहती है. बता दें कि किसान कानूनों को लेकर दोनों दल अलग हो गए थे.
इस बैठक से पहले यूपी में विपक्ष को बड़ा झटका लगा है. यूपी में सुभासपा सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर ने एक बार फिर से एनडीए में वापसी कर ली है. राजभर ने 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ मिलकर लड़ा था. चुनावों के बाद से ही वो अखिलेश पर हमलावर थे और उन्हें एसी में रहने वाला नेता बता रहे थे. तभी से कहा जा रहा था कि राजभर फिर से बीजेपी से दोस्ती करेंगे. अब ये फाइनल हो गया है. यूपी में अब बीजेपी को अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के अलावा राजभर की सुभासपा का भी साथ मिल गया है.
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वहीं विपक्ष की महाबैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी शामिल होंगे. राजद की ओर से लालू प्रसाद यादव के साथ उनके बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शिरकत करेंगे. कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी भी शामिल होंगे. यूपी से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी और अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल को बुलाया गया है. महाराष्ट्र से एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी शामिल होंगे. इस बैठक में टीएमसी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी न्योता भेजा गया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी बुलाया गया है. कांग्रेस ने इस बैठक में 26 दलों के नेताओं को बुलाया है.