Bihar Politics: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार (6 नवंबर) से शुरू हो चुका है. शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. पहले दिन शोक प्रस्ताव पेश किया गया और दोनों सदनों के दिवंगत सदस्यों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया. इसके बाद पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिली. वामदलों के विधायकों ने विधानसभा में इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध का मुद्दा उठाया और सदन के अंदर जमकर नारेबाजी की. वो अपने हाथों में पोस्टर लेकर गए थे. जिस पर बीजेपी ने ऐतराज जताया और वामदलों के विधायकों के इस काम की आलोचना की. 


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बीजेपी विधायकों ने प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरने की कोशिश की. टीचर वैकेंसी को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की गई. सरकार मंगलवार (7 नवंबर) को सदन के सामने जातीय सर्वे के आंकड़े पेश कर सकती है. इसको लेकर बीजेपी ने अपनी तैयारी कर ली है. बीजेपी के दिग्गज नेता और विधानसभा में नेता-प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के आवास पर पार्टी विधानमंडल दल की बैठक हुई. इस बैठक में विजय सिन्हा के साथ सम्राट चौधरी, सुशील मोदी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय सहित तमाम विधायक शामिल रहे.


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बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार चलाने की जिम्मेदारी पक्ष की है. अगर सरकार नियम से बहस करेगी तो विपक्ष साथ देगा और अगर सरकार बरगलाएगी तो विपक्ष मजबूती से जवाब देगी. बीजेपी दोनों सदनों में जातीय आंकड़े, शिक्षक बहाली सहित जनहित के मुद्दे उठाएंगी. सुशील मोदी ने पंचायत वार जातीय आंकड़े जारी करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे हकीकत सामने आएगी. उन्होंने कहा कि सरकार क्या आंकड़े पेश करने वाले हैं, देखना होगा. साथ ही देखना होगा कि नीतीश कुमार आंकड़े के अनुसार विकास की योजनाओं का क्या ड्राफ्ट बताते हैं. बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार के जातीय आंकड़े का इंतजार है. सरकार कम से कम यह बताएं कि आंकड़ों के लिए कौन सा मेकैनिज्म इस्तेमाल किया.


रिपोर्ट- शिवम