Begusarai News: बिहार में शिक्षा की स्थिति को सुधारने में अपर मुख्य सचिव केके पाठक जुटे हुए हैं. केके पाठक की सख्ती भी बेगूसराय के स्कूलों की हालत में कोई सुधार नहीं देखने को मिल रहा है. बेगूसराय के बीरपुर प्रखंड के उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय वीरपुर में बुनियादी सुविधाओं का अभाव देखने को मिल रहा है. यहां छात्राएं बरामदे पर पढ़ाई को मजबूर हो रही हैं. कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे बरामदे पर ही पढ़ने को विवश हैं. विद्यालय में कार्यालय और स्टोर रूम एक ही कमरे से संचालित हो रहा है. स्थानीय लोगों ने विद्यालय की जमीन पर भी अतिक्रमण होने का आरोप लगाया.  


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जी मीडिया के रियलिटी चेक में उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय वीरपुर में बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव देखने को मिला. यहां विद्यालय में बच्चों को बैठने की जगह भी उपलब्ध नहीं है. वहीं कमरा के अभाव में बच्चों की पढ़ाई बरामदे में जमीन पर बैठा कर कराई जाती है. अब बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते नजर आए. वहीं एक साथ 3-4 कक्षाएं संचालित हो रही है. जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. 


यह विद्यालय कई वर्षों से विभागीय उदासीनता व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की वजह से कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को कमरा के अभाव में बरामदे व फर्श पर ही पढ़ने को विवश हैं. फिलहाल विद्यालय में कुल साढ़े 500 से अधिक बच्चे नामांकित हैं. वहीं एचएम सहित कुल 14 शिक्षिकांए विद्यालय में कार्यरत हैं. विद्यालय में लगभग 400 से अधिक बच्चों की नियमित उपस्थिति होती है. उक्त विद्यालय में कुल पांच कमरे हैं. एक कमरा में किचन, दुसरे कमरा में कार्यालय व स्टोर रूम है. वहीं तीन कमरों में वर्ग छह, सात और आठ के बच्चे पढ़ते हैं. इन सभी क्लास में मात्र 30 बेंच व डेस्क विद्यालय में उपलब्ध है. शेष बच्चों को फर्श पर ही बैठकर पढ़ना पड़ता है. 


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क्लास 1 से लेकर 5 तक बच्चे को कमरा उपलब्ध नहीं रहने से बरामदे पर ही पढ़ाई करने को विवश हैं.विद्यालय में 2 चापाकल हैं. जिसमें खराब की स्थिति में है. वहीं तीन शौचालय हैं. विद्यालय की शिक्षिका रंजू कुमारी, पदमा ऋजु सहित कई शिक्षकों ने बताया कि जगह के अभाव में बच्चों को पढ़ाने में काफी कठिनाई हो रही है. वहीं विद्यालय के छात्र एवं छात्राओं ने बताया कि इस विद्यालय में वर्षों से मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है.जिससे छात्र छात्राओं को पठन-पाठन में भारी फजीहतों का सामना करना पड़ रहा है. कोई छात्र एवं छात्र बताते हैं कि विद्यालय के बगल में घना जंगल है जंगल रहने के कारण विद्यालय में सांप सहित कई कीड़े मकोड़े प्रवेश कर जाते हैं. 


छात्र एवं छात्राओं या भी बताते हैं कि विद्यालय भी जर्जर स्थिति में है जिसके कारण से हमेशा डर लगता रहता है कि कभी भी विद्यालय का छत टूट कर नीचे गिर सकता है. वहीं विद्यालय के एचएम नंदकिशोर ने बताया कि कमरा के अभाव में वर्ग प्रथम से पंचम तक के बच्चों को बरामदे पर ही पढ़ाई करनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि विद्यालय में शिक्षा विभाग सहित जिला व प्रखंड स्तर के अधिकारी कई बार निरीक्षण किए हैं. उनका ध्यान भी आकृष्ट किया गया. लेकिन अब तक कोई समुचित प्रयास नहीं किया गया है.


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एचएम ने बताया कि विद्यालय के नाम से कुल 10 कट्ठा जमीन है. लेकिन कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा विद्यालय के जमीन को अतिक्रमण कर लिया गया है.शेष गड्ढेनुमा जमीन है.विभागीय अधिकारियों से इन तमाम समस्याओं की निदान करने की मांग लिखित रूप से की गई है. लेकिन इसके बावजूद भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है जिसके कारण से विद्यालय में पढ़ रहे हैं छात्र एवं छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि सरकार के निर्देश आने के बाद छात्र एवं छात्राओं का संख्या लगातार बढ़ रहे हैं. विद्यालय में कैमरा नहीं रहने के कारण छात्र छात्राओं को नीचे में ही बैठकर पढ़ने को विवश है. 


उन्होंने जी मीडिया के माध्यम से सरकार एवं जिला शिक्षा विभाग से मांग किया है कि इस विद्यालय को अच्छे ढंग से तैयार करें ताकि छात्र एवं छात्राओं को पढ़ाई लिखाई में कोई तरह का दिक्कत ना हो. इस दौरान उन्होंने बताया कि केके पाठक के फरमान के बाद इस विद्यालय से 33 छात्र छात्राओं का नाम काटा गया जो की रेगुलर उपस्थित नहीं हो पा रहे थे. आपको ले चलते हैं उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलकारी जहां 1 से 8 तक का पढ़ाई होता है. उसे विद्यालय में भी जब जी मीडिया के टीम ने रियलिटी चेक किया गया तो उसे रियलिटी चेक में बहुत सारा खामियां निकाल कर सामने आया जहां छात्र छात्राओं नीचे में बैठकर ही पढ़ाई करने को विवश है. 


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इस दौरान उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलकारी के एचएम मिथिलेश कुमार बताते हैं कि सरकार के द्वारा जो फरमान जारी किया गया है. वही फरमान जारी होने के बाद छात्र एवं छात्राओं की उपस्थिति लगातार बढ़ती जा रही है. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में 900 बच्चे नामांकित है.वही इस विद्यायल में तकरीबन 600 से अधिक छात्र छात्राओं रेगुलर उपस्थित हो रहे हैं. इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि इस विद्यालय में सेवन और एक ही क्लास में बेंच का व्यवस्था है. 1 से 6 तक बेंच नहीं रहने के कारण छात्र एवं छात्राएं नीचे में बैठकर पढ़ाई लिखाई करते है. 


उन्होंने यह भी बताया कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलकारी भवन भी जर्जर है. खास करके उन्होंने यह भी बताया कि सड़क किनारे विद्यालय है और बाउंड्री वॉल नहीं रहने के कारण कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है. स्कूल कैंपस में बाउंड्री वॉल नहीं रहने के कारण विद्यालय जब बंद होकर चला जाता है तो सामाजिक तत्व इस विद्यालय में आकर घूमते रहते हैंमें.उन्होंने कहा कि सरकार से आपके चैनल के माध्यम से मांग करते हैं कि इस विद्यालय मे बेंच एवं बाउंड्री वॉल का व्यवस्था करें. ताकि छात्र एवं छात्राएं सो कर रूप से पढ़ाई कर सके.