पटना:Bihar Politics: बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक बोधगया में दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लेंगे, जहां उन्हें राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के लिए विश्वास मत के साथ शुरू हो रहे महत्वपूर्ण विधानसभा सत्र के वास्ते प्रशिक्षण दिया जाएगा. भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने विधायकों और विधान पार्षदों के बोधगया में दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने की पुष्टि की. यह कार्यशाला बहुप्रतीक्षित बजट सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 11 फरवरी को समाप्त होगी. उपमुख्यमंत्री चौधरी ने हालांकि कार्यशाला के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी.


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पार्टी सूत्रों ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि राज्य में बदले हालात के कारण कार्यशाला आवश्यक हो गई है क्योंकि नवगठित गठबंधन वाली सरकार को आम चुनावों का सामना करना पड़ेगा. चौधरी ने बताया कि, '' हां, बोधगया में होने वाली इस दो दिवसीय (10 और 11 फरवरी) कार्यशाला में पार्टी विधायक हिस्सा लेंगे. पार्टी के केंद्रीय नेता दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान हमारे विधायकों को जानकारी देंगे.'' इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए पार्टी के एक विधायक ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर कहा, '' दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान अलग-अलग सत्र होंगे.'' उन्होंने कहा, ''आगामी विधानसभा सत्र को ध्यान में रखते हुए हमारे केंद्रीय नेता पार्टी के सभी 78 विधायकों को राजनीतिक सुझाव देंगे. विश्वास मत से पहले यह पार्टी विधायकों के लिए दो दिनों के प्रशिक्षण की तरह है.''


इस बीच बोधगया में भाजपा विधायकों के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर पर टिप्पणी करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने कहा, ''भाजपा की यह कवायद विश्वास मत से पहले अपने विधायकों को एकजुट कर बिहार में नवगठित राजग सरकार को बचाने के लिए उठाया गया एक कदम है. यह मूल रूप से 'कमल बचाओ अभियान' है.' तिवारी ने कहा, ''चूंकि भाजपा विधायकों का एक गुट इस बार नीतीश कुमार की जदयू के साथ हाथ मिलाने को लेकर नाखुश है इसलिए शीर्ष नेतृत्व विश्वास मत से पहले उन विधायकों को मनाना चाहता है. उन्हें (भाजपा विधायकों को) दो दिवसीय शिविर के दौरान बंदी बना लिया जाएगा.''


इनपुट- भाषा


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