Bihar Politics: लालू-तेजस्वी से मुलाकात के बाद CM नीतीश ने RJD कोटे के 3 मंत्रियों के विभाग बदले, समझें Inside Story
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Bihar Politics: लालू-तेजस्वी से मुलाकात के बाद CM नीतीश ने RJD कोटे के 3 मंत्रियों के विभाग बदले, समझें Inside Story

Bihar Politics: जिन मंत्रियों का विभाग बदला गया उनमें शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, भू-राजस्व मंत्री आलोक मेहता और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित यादव शामिल हैं. इस घटनाक्रम ने बिहार में एक और संदेश दे दिया है. वो ये है कि नीतीश कुमार ही असली 'बॉस' हैं और सरकार में उन्हीं की चलेगी.

फाइल फोटो

Bihar Politics: क्या बिहार की महागठबंधन सरकार गिरने वाली है? ये सवाल आज बिहार के राजनीतिक गलियारों का हॉट टॉपिक बना हुआ है. ये सवाल इसलिए भी उठता है क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज बताए जा रहे हैं. उधर एनडीए गठबंधन में हलचल तेज है. अमित शाह के एक बयान के बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव तुरंत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे थे. मुलाकात के बाद तेजस्वी ने सबकुछ सामान्य होने की बात कही थी और दावा किया था कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी. लेकिन इसके अगले ही दिन राजद कोटे के तीन मंत्रियों के विभाग में बदलाव हो गया. 

जिन मंत्रियों का विभाग बदला गया उनमें शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, भू-राजस्व मंत्री आलोक मेहता और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित यादव शामिल हैं. कहा जा रहा है कि प्रो. चंद्रशेखर यादव को  शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से पंगा लेना महंगा पड़ गया. केके पाठक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी अधिकारियों में से एक माने जाते हैं. चंद्रशेखर ने उनसे ही बैर ले लिया. पाठक जैसे ही छुट्टी से वापस आए, चंद्रशेखर की मंत्रालय से विदाई हो गई. सूत्रों का कहना है कि चंद्रशेखर के कारण ही केके पाठक लंबी छुट्टी पर गए थे और वापस विभाग ज्वाइन नहीं करना चाहते थे.  

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खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनको वापस बुलवाया था. मुख्यमंत्री से बातचीत के अगले ही दिन केके पाठक ने विभाग ज्वाइन किया और अब चंद्रशेखर की विदाई हो गई. इसके अलावा चंद्रशेखर पर ये गाज उनके बड़बोलेपन के कारण गिरी है. वे पिछले कुछ दिनों से जदयू कोटे से मंत्री अशोक चौधरी के खिलाफ पर हमलावर थे. अशोक चौधरी भी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. आलोक मेहता और ललित यादव के तेवर भी मुख्यमंत्री को नहीं भा रहे थे. इस घटनाक्रम ने बिहार में एक और संदेश दे दिया है. वो ये है कि नीतीश कुमार ही असली 'बॉस' हैं और सरकार में उन्हीं की चलेगी.

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