Grand alliance Meeting: लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को पटखनी देने के लिए विपक्षी दलों के लिए मंच सजाने और एक साथ सबको पटना में इकट्ठा करने की योजना है और इसके लिए 12 जून की तारीख का निर्धारण किया गया है. इस सब के बीच अचानक राजद के कार्यालय में महागठबंधन के सभी दलों के नेताओं की बैठक बुला ली गई है. अब इसको लेकर कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं. राजनीतिक जानकार इस आनन-फानन में बुलाई गई बैठक को बिहार की भविष्य की राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं. 


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इस तरह राजद के दफ्तर में महागठबंधन के दलों की बैठक को लेकर अब राजनीति के जानकारों के द्वारा कयास लगाया जा रहा है कि कहीं उपेंद्र कुशवाहा की बात आज सही तो नहीं साबित होनेवाली है. जो कई बार मंचों से कह चुके हैं कि जल्द ही राजद में बची हुई जेडीयू का विलय हो जाएगा. वहीं दूसरी तरफ इस बात को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम नीतीश कुमार जिस तरह से तेजस्व यादव को बार-बार अपना उत्तराधिकारी बनाते रहे हैं और उन्हें साथ लेकर बैठकों में जाने लगे हैं कहीं बिहार में सत्ता का हस्तांतरण तो नीतीश कुमार तेजस्वी को नहीं करने वाले हैं. मतलब कहीं आज की बैठक में तो तेजस्वी का सीएम के तर पर ताजपोशी की तस्वीर तो साफ नहीं हो जाएगी. 


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हालांकि इस बैठक को लेकर मीडिया ने जब राजद प्रवक्ता से सवाल किया कि क्या तेजस्वी की ताजपोशी के लिए तो यह नहीं किया जा रहा. क्योंकि बैठक राजद के कार्यालय में बुलाई गई है तो इशारों-इशारों में पार्टी के प्रवक्ता ने कह दिया कि बैठक के बाद इसके बारे में पता चल जाएगा. 


बता दें की महागठबंधन के दलों की अध्यक्षता का जिम्मा भी नीतीश कुमार को नहीं दिया गया है बल्कि जगदानंद सिंह को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि राजद की तरफ से कहा जा रहा है कि 12 जून को पटना में जो विपक्षी दलों की बैठक होनी है उसकी कैसी तैयारी होगी इसी को लेकर बैठक की जानी है.