रांची: Jharkhand Politics: गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान क्या हुआ कि झारखंड में भी इसकी तपिश दिखने लगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुजरात के आदिवासियों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की अपील की तो अब इस पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है.


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गुजरात में JMM का कितना जनाधार?
बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने सीएम हेमंत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की ही जीत होगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ऐसा कह रहे हैं कि मानों गुजरात में इनका बहुत बड़ा आधार है और वह अपने आप को आदिवासियों का बड़ा नेता बताने की कोशिश कर रहे हैं.


हेमंत सोरेन ने क्या कहा?
दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को गुजरात में रह रहे आदिवासियों से अपील करते हुए कहा कि बीजेपी संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करती है और झारखंड में एक आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान कर रही है इसीलिए गुजरात के आदिवासियों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट होना चाहिए.


26 सीटों पर ट्रायबल वोटर्स का असर
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के आदिवासी यह आश्वस्त करें की आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बीजेपी को करारी शिकस्त मिले. गौरतलब है कि गुजरात में करीब 15 प्रतिशत आदिवासियों की आबादी है. राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 26 पर इनके लिए आरक्षित हैं जबकि 35 से 40 सीटों पर सीधा असर है.


बीजेपी के लिए गुजरात में आदिवासी वोट हमेशा से चुनौती रही है. ऐसे में बीजेपी इस बार एसटी मतदातओं को रिझाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. गुजरात में खुद पीएम मोदी ने इसकी कमान संभाली है.


भाजपा 24 साल से गुजरात की सत्ता पर काबिज है और वो इस सिलसिले को आगे कायम रखने के लिए हर छोटी-छोटी को लेकर रणनीति के तहत काम कर रही है. इसी क्रम में पार्टी ने गुजरात में अपने सभी आदिवासी चेहरों को कैंपेन की कमान दे रखी है.


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(इनपुट-कामरान जलीली)