पटना: नीट मामले को लेकर देश भर में फैला बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को एक तरफ जहां नीट मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के तमाम दलों के छात्र प्रकोष्ठ के नेता एक मंच पर एकत्रित हुए. इन सभी ने नीट मामले पर अपनी लड़ाई को आगे भी जारी रखने की बात कही. प्रेस कांफ्रेंस में आइसा की प्रदेश अध्यक्ष प्रीति कुमारी, एआइएसएफ के राज्य सह सचिव सुधीर कुमार, एनएसयूआई के चुन्नु सिंह, एसएफआई की प्रदेश अध्यक्ष क्रांति कुमारी, छात्र सपा के प्रदेश अध्यक्ष सूरज कुमार यादव, छात्र राजद के प्रदेश प्रवक्ता अमन लाल उपस्थित थे.


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गुरुवार को पटना में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन छात्र नेताओं ने नीट मामले से जुड़े कई मसलों पर अपनी बातें कही. मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए छात्र नेताओं का कहना था कि 2024 नीट यूजी परीक्षा में भ्रष्टाचार का असर करोड़ों छात्रों के उज्जवल भविष्य पर पड़ा है कोचिंग माफिया, बड़े-बड़े शिक्षा माफियाओं ने संवैधानिक प्रतियोगितात्मक परीक्षा को बाजारीकरण में तब्दील कर दिया है. साल दर साल परीक्षा के आयोजन में पारदर्शिता कराने में नाकामयाब रहने के बावजूद एनटीए को निरस्त नहीं किया गया है.


छात्र नेताओं ने कहा कि मेडिकल अभ्यर्थी के सपनों के साथ मजाक किया गया है. शिक्षा और नौकरी पर सबका समान अधिकार हो, इस बिंदु पर केंद्र सरकार असंवेदनशील है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विगत दस वर्षों में मोदी सरकार के प्रोपेगेंडा आधारित रणनीति के कारण सरकारी क्षेत्र को निजीकरण की ओर धकेलने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही पूंजीपतियों के हाथों में उच्च शिक्षण संस्थान व प्रतियोगी परीक्षाओं को कंडक्ट करने का जिम्मा दिया जा रहा है. इन सभी में धांधली और भ्रष्टाचार के मामले चरम सीमा को पार कर चुके हैं. इनका यह भी कहना था कि औपचारिक रूप से इसे स्थगित करना चाहिए, जिससे राज्य या राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षाएं आयोजित करने में पारदर्शी, कुशल और निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत दिखे.


सभी छात्र नेताओं का कहना था कि नीट यूजी परीक्षा में भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक रूप से मजबूत पहल करेंगे. नीट मामले से जुड़े मुद्दे पर आंदोलन को व्यापक रूप से मजबूत किया जाएगा. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा डबल इंजन की सरकार परीक्षा का केन्द्रीकरण, शिक्षा के व्यापार को बाजार के लिए सुनियोजित करने का तरीका अपना रही है. प्रतियोगितात्मक परीक्षा में एनटीए की अनियमितता दिख रही है. इन सभी मामलों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए साथ ही नीट यूजी के सभी अभ्यर्थी के साथ न्याय होना चाहिए ताकि जिससे मेडिकल क्षेत्र में सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा वाली परीक्षा पर विश्वास बना रहे.


सभी छात्र संगठनों के नेताओं, पदाधिकारी ने कहा कि 2024 नीट यूजी परीक्षा को रद्द करके पुन: परीक्षा लेने, एनटीए को खत्म करने को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर 12 जुलाई से राजधानी के गर्दनीबाग में अनिश्चितकालीन अनशन किया जाएगा.


इनपुट- सन्नी


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