Parliament Special Session 2023: संसद का विशेष सत्र आज यानी सोमवार (18 सितंबर) से शुरू हो चुका है. ये सत्र पांच दिन यानि आज से 22 सितंबर तक चलेगा, इसमें 5 बैठकें होनी है. आज पुरानी बिल्डिंग में कार्यवाही चल रही है, कल यानी मंगलवार (19 सितंबर) से नई इमारत में शुरू होगी. इस अवसर पर आज पुरानी बिल्डिंग में सांसद अपने अनुभव को शेयर कर रहे हैं. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ियों का स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है. हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं.


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पीएम मोदी ने कहा कि आजादी से पहले ये सदन काउंसिल का स्थान हुआ करता था. आजादी के बाद संसद भवन के रूप में इसे पहचान मिली. ये सही है, इस इमारत के निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था. लेकिन ये बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी हमारे देश के लगे थे. संसद के बीते दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा तीन प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल में ही चले गए. उन्हें खोने की नौबत आई तो सदन ने अपने आंसू भी बहाए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा स्पीकर्स का भी अभिनंदन किया और कहा कि सदन को सुचारू रूप से चलाने में सभी का योगदान रहा है. पीएम मोदी ने सदन के कर्मचारियों को भी नमन किया.


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इस दौरान पीएम मोदी ने जी-20 और चंद्रयान-3 की सफलता का भी जिक्र किया और इसे पूरे देश की सफलता बताया. पीएम ने कहा कि भारत ने विश्वमित्र के रूप में दुनिया में अपनी जगह बनाई है. भारत की दोस्ती का दुनिया अनुभव कर रही है. सबका साथ सबका विकास विश्व मंत्र बन गया. महिला सांसदों ने भी सदन की गरिमा को बढ़ाया. जी-20 की सफलता भारत की सफलता है. पीएम ने कहा कि भारत के भाग्य में अफ्रीकन यूनियन की अपेक्षाओं को पूरा करने का काम आया. ये भारत की ताकत है कि जी-20 समिट में घोषणा पत्र पर सहमति से हस्ताक्षर हुए. आपके नेतृत्व में दुनियाभर के जी-20 के सदस्य पी-20 की समिट को सरकार का पूरा समर्थन रहेगा और साथ रहेगा. हम सब के लिए ये गर्व की बात है कि भारत विश्व मित्र के रूप में अपनी जगह बना पाया है. पूरा विश्व भारत में अपना मित्र खोज रहा है. 


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संसद में अपने अनुभव को साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि देश हमें इतना सम्मान देगा. गरीब का बेटा भी सांसद बनता है यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है. जब मैं पहली बार सांसद बनकर इस लोकतंत्र के मंदिर में आया था तो मैंने अपना शीश झुकाकर इसे नमन किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद ने हमें मार्ग दर्शक जो आज भी हमें चलाता है, संविधान दिया. लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत ये है कि इस व्यवस्था के प्रति विश्वास अटूट रहे, विश्वास उनका बना रहे.