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Lok Sabha Elections 2024: नरेंद्र मोदी की सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त देकर सत्ता से उतारने का बीड़ा उठाए एक गठबंधन का विपक्षी दलों ने निर्माण किया जिसका नाम रखा गया I.N.D.I.A. इसमें तमाम ऐसे दल शामिल हैं जो एक दूसरे के धूर विरोधी रहे हैं. लेकिन, इन दलों को एक साथ एक मंच पर लाने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका अहम रही और वह इसमें कामयाब भी रहे. लेकिन, क्या इस गठबंधन में सब ठीक है इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि छत्तीसगढ़ के चुनावी रैली में अरविंद केजरीवाल के निशाने पर भाजपा से ज्यादा कांग्रेस रही. वह भी इसी गठबंधन का हिस्सा हैं.
नीतीश कुमार के मेहनत से तैयार इस सियासी गठबंधन की तीन बैठकें दो महीने के भीतर हो गई लेकिन नीतीश कुमार को जो सम्मान इसमें मिलने की उम्मीद थी वह मिलती नजर नहीं आई. उनकी पार्टी के नेता दबी जुबान कहते रहे थे कि वह इस गठबंधन के संयोजक बनेंगे और फिर पीएम पद के उम्मीदवार भी. जब राहुल गांधी की सांसदी अदालत के फैसले के बाद गई थी तो लगा था कि कांग्रेस भी शायद यह सोचती है या शायद उसके पास विकल्पों की कमी है. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कर्नाटक चुनाव के नतीजे ने कांग्रेस को संजवनी देने का काम किया और अब कांग्रेस के पास पीएम उम्मीदवार के तौर पर राहुल गांधी मौजूद हैं. कांग्रेस के कई प्रवक्ता टीवी डिबेट में इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि उनकी पार्टी को पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर राहुल गांधी को देखते हैं.
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अब नीतीश कुमार की पार्टी के नेता उनकी ब्रांडिंग करने की शुरुआत कर चुके हैं. वह दिल्ली की सियासत का रास्ता नीतीश को तय कराने की जुगत में लग गए हैं. इधर नीतीश कुमार जिस तरह से महागठबंधन के साथ आने के बाद केंद्र के कार्यक्रमों का बहिष्कार कर रहे थे उन्होंने G20 के भोज में शामिल होकर इशारा तो कर ही दिया. ऊपर से पीएम मोदी के जन्मदिन पर नीतीश कुमार का ट्वीट भी काफी कुछ कह गया है.
नीतीश कुमार की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर सरकार के मंत्री अशोक चौधरी तक नीतीश को प्रधानमंत्री पद के योग्य उम्मीदवार बताने लगे हैं जबकि नीतीश खुद इस बात से पहले ही इनकार कर चुके हैं कि वह पीएम पद के लिए यह सब नहीं कर रहे. वहीं लालू यादव को इशारों में राहुल गांधी को दूल्हा बता रहे हैं. मतलब साफ है कि अब जेडीयू INDIA से अलग अपनी रणनीति पर काम कर रही है जिसमें पीएम के तौर पर नीतीश कुमार नजर आ रहे हैं. ऐसे में सियासी अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.