रांची: झारखंड कांग्रेस के तीन विधायकों के पश्चिम बंगाल में पकड़े जाने के मामले में अब नया ट्विस्ट आ गया है. कांग्रेस विधायक कुमार जय मंगल के आरोप को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने खारिज करते हुए कहा है कि झारखंड में फर्जी एफआईआर दर्ज की गई है.


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शर्मा ने ट्वीट कर लिखा, झारखंड में फर्जी एफआईआर की गई. तथाकथित एफआईआर ऐसी लग रही है जैसे कांग्रेस ओटावियो क्वात्रोची को बोफोर्स के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कह रही है.'



'विधायक कुमार जय मंगल के आरोप फर्जी'
वहीं, सरकार में संसदीय कार्यमंत्री पिजुष हजारिका ने ट्वीट कर लिखा, 'झारखंड कांग्रेस विधायक कुमार जय मंगल ने फर्जी आरोप लगाया कि तीनों विधायकों ने उन्हें असम के मुख्यमंत्री में मिलने का लालच दिया. एफआईआर दर्ज करने के 5 दिन पहले ट्रेड यूनियन से संबंधित मामले में मदद करने के लिए उनको (जय मंगल) सीएम 26 जुलाई को सुबह 9 बजे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी की आवास पर ले गए थे.'


'सीएम से लगातार होती है जयमंगल की मुलाकात'
पिजुष हजारिका ने आगे लिखा, 'विधायक कुमार जय मंगल लगातार सीएम हेमंता बिस्वा शर्मा से मिलते रहते हैं. उन्हें असम के मुख्यमंत्री और उन आदिवासी विधायकों के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए कानून का सामना करना चाहिए.'


दरअसल, बेरमो से विधायक जयमंगल ने रविवार को आरोप लगाया था कि बीजेपी की झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश कर रही है. उन्होंने दावा किया कि इसमें असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा मुख्य भूमिका निभा रहे हैं.


इससे पहले सोमवार को बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग को कथित तौर पर इस बात का सुराग मिला है कि कांग्रेस के निलंबित तीनों विधायकों से वसूली गई 48 लाख रुपये से अधिक की राशि उन्हें कोलकाता में सौंपी गई थी. यह पैसा विधायक की कार से शनिवार शाम को हावड़ा जिले के पांचाल में बरामद किया गया था.


सीआईडी के सूत्रों ने कहा कि उन्हें कुछ सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिसमें दिखाया गया है कि तीन विधायक शनिवार सुबह मध्य कोलकाता के सडर स्ट्रीट पर एक होटल में गए. सूत्रों ने कहा कि उन्होंने पंजीकरण नहीं कराया. बता दें कि शनिवार शाम झारखंड के कांग्रेस के तीन विधायक डॉ. इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगड़ी को नोटों की बोरियों के साथ पकड़ा गया है.