INDI Alliance Seat Sharing: विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में चार बैठकों के बाद भी सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई फार्मूला नहीं निकल पाया है. अभी तक सबसे ज्यादा मुश्किलें कांग्रेस के सामने आ रही थीं. अलायंस में शामिल सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस को क्षेत्रीय दल कोई खास तरजीह नहीं दे रहे हैं. बिहार में भी राजद और जदयू मिलकर कांग्रेस को दबाना चाहते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू यादव के बीच 50-50 की डील हुई है. मतलब बिहार में सीट बंटवारे का जो फार्मूला तय किया गया है, उसमें राजद-जदयू बराबर सीटों पर लड़ेंगे और बाकी बची सीटें कांग्रेस और लेफ्ट के बीच बांटी जाएगी.


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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार की पार्टी पिछली बार की तरह इस बार भी 17 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. ऐसे में 17 सीटों पर ही लालू यादव की पार्टी भी अपने उम्मीदवार उतारेगी. ऐसे में बची छह सीटों पर कांग्रेस और लेफ्ट को समायोजित करना है. बची 6 सीटों में से 4 या 5 सीटों पर ही कांग्रेस को संतोष करना पड़ेगा, क्योंकि लेफ्ट को भी इसी में से सीटें देना पड़ेगा. इस तरह की खबरें सामने आने पर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने बड़ा बयान दिया है. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि अगर कांग्रेस को सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो ना केवल पार्टी बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पूरे महागठबंधन पर असर पड़ेगा.


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अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि अगर कांग्रेस केवल चार सीटों पर चुनाव लड़ती है तो जेडीयू सहित पूरे महागठबंधन को नुकसान होगा. उन्होंने आगे कहा कि हम यह भी नहीं कह रहे हैं कि हमें 9 सीटें दी जाए क्योंकि 2019 में हम उतने पर लड़े थे. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का ये बयान जेडीयू के लिए चेतावनी कही जा रही है. दरअसल, जेडीयू की ओर से 17 सीटों की डिमांड की जा रही है. जेडीयू नेताओं का कहना है कि हम 2019 में 17 सीटों पर लड़े थे. इनमें से उसे एक को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर जीत हासिल हुई थी.  


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सीट शेयरिंग पर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा ने साफ कहा था कि हमारे पास 16 सीटें हैं. इन पर दावे या किसी भ्रम का सवाल नहीं उठना चाहिए. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की जो भी मांग हो, उसे बताना चाहिए. राजद के लिए भी यही बात है. हम सीट बंटवारे पर अंतिम चर्चा के लिए राजद के साथ बैठकर चर्चा करेंगे. सीट शेयरिंग को लेकर इंडी गठबंधन की अभी तक 4 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई फॉर्मूला नहीं निकल सका है. दिल्ली बैठक में बात बनने की जगह बिगड़ ज्यादा गई. दिल्ली बैठक के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रूठे-रूठे नजर आ रहे हैं. नाराज चाचा को मनाने में इतनी सर्दी में भी भतीजे का पसीना छूटा जा रहा है.