पटना: बिहार में बढ़ रहे अपराध को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रतिरोध मार्च निकाला. वहीं इस मार्च को लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है. इस मार्च को लेकर भाजपा में तंज कसते हुए कहा कि महागठबंधन का प्रतिरोध मार्च बकवास मार्च है. अपराधियों को संरक्षण देने वाले उनके खिलाफ मार्च निकाल रहे है. मुकेश सहनी के पिता के हत्यारे को पकड़ा गया तो इनकी बोलती बंद हो गईं. वो लोग अब राजनीति कर रहें हैं लेकीन उसपर मुंह नहीं खोल रहे हैं. उनको लग रहा है बोलेंगे तो वोट बैंक बिगड़ जाएगा. उसमें भी वो तुष्टिकरण कर रहें हैं. प्रतिरोध मार्च निकालने से उनके चेहरे पर जो पर्दा लगा है उससे छिपेगा नहीं बिहार की जनता ने चेहरे को देखा है.


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वहीं जेडीयू ने इस मार्च पर तंज करते हुए कहा कि लालू जी के शासनकाल में गरीब दलित और माले कार्यकर्ता का नरसंहार हुआ था. उसके साथ राजनीतिक गठजोड़ करने वाले आम आवाम में राजनीतिक खौफ पैदा करना चाहते है. बिहार की जनता राजद के प्रतिरोध मार्च से खौफजदा है. प्रतिरोधी मार्च का असर जीरो है. शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया चल रही है इसको बाधित करने के लिए इस तरह का आयोजन किया गया है.


बता दें कि बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर महागठबंधन की ओर से सरकार को घेरते हुए आज (शनिवार, 20 जुलाई) को राज्यव्यापी प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस दौरान महागठबंधन के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा बिहार के सभी जिलों में प्रतिरोध मार्च निकाला. इसके साथ ही सभी जिला मुख्यालयों में नेताओं द्वारा ज्ञापन भी सौंपा गया. इस दौरान राजधानी पटना में मार्च निकाल रहे नेताओं और पुलिस के बीच झड़प भी देखने को मिली.


इनपुट- सन्नी


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